अपराध

मृत रुपा तिर्की और भाजपा नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते डीएसपी बड़हरवा का ऑडियो वायरल

बहुचर्चित सब इंस्पेक्टर रुपा तिर्की हत्याकांड को लेकर झारखण्ड हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश क्या दे दिया? बहुत लोगों के कान खड़े हो गये कि अब सीबीआई इस मामले में क्या करेगी? सीबीआई जांच किस-किस को कटघरे में लेगी? इधर जिन-जिन तक सीबीआई की जांच पहुंचनी है, उन की ऑडियो भी बाजार में अब धीरे-धीरे वायरल हो रहे हैं।

यह ऑडियो राज्य के सभी प्रमुख लोगों तक पहुंच चुके हैं, कोई इस ऑडियो को सुन माथा ठोक रहा हैं तो कोई आश्चर्य कर रहा है। आश्चर्य इसलिए कि जिन भाषाओं का प्रयोग मृत सब इंस्पेक्टर रुपा तिर्की और भाजपा के राज्यस्तरीय शीर्षस्थ नेताओं के लिए इसमें किया गया है, उस भाषा का प्रयोग व्यक्ति आम तौर पर सामान्य रुप से नहीं करता।

बताया जाया है कि वायरल ऑडियो में प्रयुक्त आपत्तिजनक भाषा बड़हरवा के डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा का है, हालांकि बड़हरवा के डीएसपी का आज दैनिक जागरण में बयान छपा है कि, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह ऑडियो उनका नहीं है, किसी ने उन्हें फंसाने के लिए एडिटेड ऑडियो वायरल किया है।

जिस केस से उनका कोई लेना-देना नहीं और न ही जिसका वे अनुसंधानकर्ता है, उस केस में उन्हें घसीटा जा रहा है। वे तो सिर्फ सीनियर अफसरों के निर्देश पर रुपा तिर्की के स्वजन का बयान लेने रांची गये थे। जानकार बताते है कि अगर यह ऑडियो भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी और दीपक प्रकाश के पास पहुंच गया तो वे भी ये जानकर आश्चर्य करेंगे कि उन्हें लेकर डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा का क्या ख्याल है?

जबकि राजनीतिक पंडित कहते है कि जिस प्रकार की भाषा मृत सब-इंस्पेक्टर रुपा तिर्की व भाजपा नेताओं के लिए इसमें प्रयोग किया गया है, उसे किसी भी प्रकार से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। राजनीतिक पंडित तो ये भी कहते है कि अगर सीबीआई सीधे इन्हीं लोगों के पास पहुंच गई और इन पर थोड़ा भी दबाव बना दिया, तो जांच में ज्यादा देर भी नहीं लगेगी, क्योंकि बहुत कुछ सुराग यहां मिल जायेगा कि रुपा की हत्या कैसे हुई और इसके लिए कौन असली जिम्मेदार है?

वायरल ऑडियो में प्रमोद कुमार मिश्रा डीएसपी द्वारा ऐसी-ऐसी गंदी बातें कही गई है कि उसे न तो इस न्यूज पोर्टल पर लिखा जा सकता है और न ही उसे इस पर अपलोड किया जा सकता है, पर डीएसपी प्रमोद का यह वायरल ऑडियो उन्हें परेशानी में जरुर डाल सकता है, ये प्रमोद कुमार मिश्रा भी समझ ही गये होंगे।