अपराध

यौन शोषण के आरोप में वरिष्ठ पत्रकार एवं EX-CM बाबू लाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी गिरफ्तार, भाजपा नेताओं ने कहा राजनीतिक विद्वेष के शिकार बने सुनील

बहुचर्चित-बहुप्रतीक्षित एक मामले में झारखण्ड के भारी भरकम पत्रकार एवं राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी को रांची पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया। सुनील तिवारी को आगरा-नई दिल्ली मार्ग से गिरफ्तार किया गया और उन्हें आज ही रांची लाया जा रहा है। भाजपा नेताओं का साफ कहना है कि सुनील तिवारी राजनीतिक विद्वेष के शिकार हुए हैं, मामला अदालत में हैं, वहां न्याय अवश्य मिलेगा।

सुनील तिवारी पर रांची के अरगोड़ा थाने में यौन शोषण व बाल श्रम को लेकर मामले दर्ज है। रांची की निचली अदालत में इन मामलों को लेकर, सुनील तिवारी ने जमानत के लिए अर्जी दी थी, पर वहां से उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी, बाद में सुनील तिवारी ने जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन इसी बीच उनकी गिरफ्तारी हो गई।

सुनील तिवारी झारखण्ड में कोई सामान्य नाम नहीं हैं। उनके संबंध राज्य के कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं, राज्य के आइएएस-आइपीएस से रहे हैं और आज भी है, सुनील तिवारी को छूना भी इतना आसान नहीं था, पर राजनीतिक विद्वेष ने उन्हें आज जेल में पहुंचा दिया।

बताया जाता है कि सुनील तिवारी को जेल में पहुंचाने की उसी वक्त जोर-शोर से तैयारी कर ली गई थी, जब सुनील तिवारी एक महत्वपूर्ण मामले में इन्टरवेनर बने थे, बने हुए हैं, जिससे वर्तमान सत्ता प्रभावित हो सकती है/थी। राजनीतिक पंडित बताते है कि शायद इन्ही सब लेकर सुनील तिवारी के खिलाफ ऐसा षडयंत्र रचा गया कि न रहेगी बांस, न बाजेगी बांसुरी के तर्ज पर उन्हें जेल में डाल दिया गया।

राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बारे में आज हम कहें तो अच्छा दिन नहीं चल रहा, लगता है कि उनके सारे ग्रह, उनके खिलाफ है। एक ओर तो राज्य सरकार उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनने नहीं दे रही, दूसरी ओर उनका राजनीतिक सलाहकार जेल में हैं, ऐसे में देखा जाये, तो स्थितियां वर्तमान में बाबू लाल मरांडी के अनुकूल नहीं।

पर सच्चाई यह भी है कि गोस्वामी तुलसीदास के उस चौपाई के अनुसार राजनीतिक परिस्थितियां कब करवट ले लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता, हो सकता है कि जिस प्रकार झारखण्ड पुलिस वर्तमान सत्ता से प्रभावित है, कल इनके शासनकाल में भाजपा से प्रभावित न हो, यह कैसे हो सकता है? श्रीरामचरितमानस की चौपाई कहती है – “अतिसय रगड़ करै जब कोई। अनल प्रगट चंदन तेहि होई।।”

अंत में, एक समय था, सुनील तिवारी की चलती थी, फिलहाल सितारे गर्दिश में हैं, जेल में हैं। स्थितियां एक जैसी नहीं रहती, बदलेगी, उस वक्त क्या होगा? इस प्रश्न का उत्तर भविष्य के गर्भ में हैं। लेकिन इतना तय है कि मीडिया व राजनीतिक दलों में शामिल उनके दुश्मनों को आज बहुत ठंडक मिली हैं, यह समाचार सुनकर कि, सुनील तिवारी गिरफ्तार हो गये।

दूसरी ओर उनके शुभचिन्तकों को झटका भी कि ये कैसे हो सकता है, वरिष्ठ पत्रकार सुनील तिवारी गिरफ्तार कैसे हो सकते हैं? अंत में फिलहाल, तेल देखिये, तेल का धार देखिये, ऊंट/समय कब करवट लेता हैं, इसके बारे में सोचिये, तब तक दिमाग लगाते रहिये।