इधर झारखण्ड में दुर्गापूजा के दौरान कोराना गाइडलाइन्स की उड़ी धज्जियां, उधर बांगलादेश में हिन्दूओं पर कट्टरपंथी मुसलमानों का कहर
झारखण्ड में दुर्गापूजा-दशहरा संपन्न हो चुका हैं, अब तक कहीं से कोई अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। सभी ने खुलकर दुर्गा पूजा मनाई, सभी ने अपने –अपने ढंग से राज्य सरकार के द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ाई, इनमें से वे लोग भी थे, जिनसे आशा थी कि कम से कम वे जरुर कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करेंगे, पर झारखण्ड हो या देश का कोई अन्य राज्य अपने यहां तो कानून अथवा गाइडलाइन्स बनाये जाते ही हैं, तोड़ने के लिए, और जब इसकी खामियाजां भुगतनी पड़ती हैं तो लोग एक दूसरे को कोसने लगते हैं।
गत् 2020 में कोरोना की सख्ती ऐसी थी कि कोई घर से निकला ही नहीं, सभी ने अपने घरों में ही कोरोना का नियम का पालन करते हुए घरों में ही दुर्गापूजा मनाई। इस बार भी कुछ महीने पहले कोरोना ने गजब ढाहा था, कोरोना की तीसरी लहर की बात भी सुप्रसिद्ध चिकित्सक कह रहे हैं, आज भी देश के कई राज्य कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं।
पर बिहार-झारखण्ड में ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिल रही, जिसका मजा बिहार व झारखण्ड के लोगों ने जमकर उठाया, 2020 का जो बकाया था, उसे भी इस बार चक्रवृद्धि ब्याज समेत वसूला। पूरे परिवार के साथ घरों से निकले, विभिन्न पूजा पंडालों में जाकर भगवती का दर्शन किया, मत्था टेके और आरतियां उतारी।
उधर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी अपने दल-बल के साथ रातू रोड दुर्गा मंदिर, रातू किला आदि स्थानों पर जाकर भगवती के आगे मत्था टेका और राज्य की खुशहाली की कामना की। सोशल साइट पर कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की सभा में जुटी भीड़ पर तीखी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की।
उधर बांगलादेश में कट्टरपंथी मुसलमानों ने दुर्गापूजा के दौरान जमकर हिन्दू मंदिरों पर हमले किये, दुर्गा पंडालों पर हमले किये, प्रतिमा तोड़ी, अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ के मंदिरों को भी नहीं छोड़ा, उसमें तोड़फोड़ की, आग लगाई। बांगलादेश में इस आतंकी घटनाओं से पूरा हिन्दू समाज आतंकित दिखा।
बांगलादेश सरकार से सुरक्षा की गुहार लगाई। बांगलादेश सरकार ने भी सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद प्रबंध किये, तथा हिन्दू समुदायों को भरोसा दिया कि इस घटना में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा। इस प्रकरण पर भारत सरकार ने भी बागंलादेश सरकार से संपर्क साधा तथा इस घटना पर शीघ्र अंकुश लगाने की नसीहत दी।
बांगलादेश में हिन्दूओं पर हुए हमले को लेकर, वहां की वामपंथी पार्टियां भी मुखर हुई, तथा वे सड़कों पर आकर झंडे बैनरों के साथ बांगलादेश के कट्टरपंथियों की आलोचना की, तथा बांगलादेश सरकार से वहां के अल्पसंख्यक हिन्दूओं की सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की।
इधर झारखण्ड में बांगलादेश में हुई इतनी बड़ी घटना को लेकर यहां के तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने चुप्पी साध ली, चुप्पी उन्होंने भी साध ली जो फलिस्तीनी व इजराइलियों के बीच होने वाले झड़प में भी सड़कों पर फलिस्तीनियों के समर्थन में उतर जाते हैं, पर बांगलादेश में हिन्दूओं पर, वह भी दुर्गापूजा के दौरान इतनी बड़ी घटना घट गई, किसी ने आंसू बहाने तो दूर, इस घटना की कड़ी आलोचना भी नहीं की।