अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांगलादेश व भारत के कश्मीर में हिन्दूओं-सिक्खों पर हो रहे अत्याचार पर वोटों के सौदागरों कांग्रेसियों, वाममोर्चा व जनसंगठनों ने साधी चुप्पी
अफगानिस्तान से तालिबानियों के कारण हिन्दूओं और सिक्खों का सफाया हो गया। पाकिस्तान में तो आये दिन हिन्दू मंदिरों पर हमले होते रहते हैं। वहां हिन्दू-सिक्खों की बेटियों का मुस्लिमों द्वारा बलात् अपहरण आज भी जारी है। बांगलादेश में मुस्लिमों द्वारा दुर्गापूजा से शुरु हुआ हिन्दूओं पर अत्याचार, हिन्दूओं की हत्या, उनके मंदिरों पर हमले अभी तक रुके नहीं हैं, जारी है।
बांगलादेश में कुछ दुर्गापूजा पंडालों के आयोजकों ने पूजा पंडालों में नमाज की समय सूची पट्ट मुख्य स्थान पर टांगे, जिसका मकसद था कि नमाज के समय पूजा पाठ के दौरान किसी नमाजियों को नमाज पढ़ने में दिक्कत न हो, इसका ख्याल दुर्गापूजा समितियों ने विशेष रुप से रखा था, क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि मुस्लिम कब और किस वक्त नमाज पढ़ते हैं।
कश्मीर में मुस्लिम आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों और बिहार तथा यूपी के मजदूरों की हत्या करनी शुरु कर दी हैं, पर क्या मजाल कि भारत में रहनेवाले खुद को धर्मनिरपेक्ष कहनेवाले कांग्रेसी, वाम मोर्चा, जनसंगठन तथा हरदम मुस्लिम राग अलापनेवाले पत्रकार इनके लिए दो शब्द बोल दें।
उन्हें तो केवल लखीमपुर खीरी दिखाई पड़ रही हैं, क्योंकि यूपी में चुनाव है और सब को मिलकर भाजपा को हराना है, अगर भूलकर भी ये लखीमपुर खीरी छोड़कर हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर तान छेड़ेंगे तो उनसे कही मुसलमान न बिदक जाये, बस इनको यही डर सताया जा रहा है।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बांगलादेश में हिन्दूओं-सिक्खों पर अत्याचार होता हैं तो समझ आता है कि वे इस्लामिक देश है, उनमें क्रूरता भरी हैं, पर भारत के जम्मू-कश्मीर में भी हिन्दूओं व सिक्खों को उनके आई-कार्ड देखकर हत्या कर देना बता रहा है, कि देश और देश के बाहर हिन्दूओं और सिक्खों को जड़ से खत्म करने की सुनियोजित साजिश जारी है।
कमाल है, वोटों-लाशों के सौदागर भी यहां दो खेमों में बंटे हैं, जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे भी वोटों के, लाशों के सौदागर है। जिसमें कांग्रेस और वाममोर्चा प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, हालांकि इतनी पापड़ बेलने के बावजूद भी, भारत की प्रबुद्ध मतदाता इनके जाल में नहीं आ रही, क्योंकि उसे अब देश-विदेश के समाचार के लिए अब अखबार या चैनल की जरुरत नहीं, उन्हें विभिन्न माध्यमों से सूचनाएं मिल रही हैं और देश की कौन पार्टियां या नेता देश व समाज को बेहतर दिशा में ले जा रहा हैं, उसे पता है।
आनेवाले दिनों में भी इस देश में वहीं पार्टी राज्य करेगी, जिसे जनता चाहेगी, वो जमाना गया कि आप हवा बनाकर वोट पर कब्जा जमा लेते थे, जिन लोगों को लगता है कि बंगाल में भाजपा नहीं आ सकी, उन्हें मालूम होना चाहिए कि भाजपा वहां दूसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं, आज न कल वहां जब कभी सत्ता में आयेगी, तो भाजपा ही आयेगी, ये शाश्वत सत्य है।
रही बात 2024 में लोकसभा चुनाव की तो जो स्थितियां/परिस्थितियां है, वो वर्तमान में भाजपा के ही इर्द-गिर्द घूम रही हैं, चाहे आप कितना भी झूठ का गुब्बारा क्यों न फूला लें, क्योंकि देश में ज्यादातर पार्टियां अपने बेटे-बेटियों, बहूओं-बेटों, दामादों को आर्थिक रुप से मजबूत करने के लिए ही ज्यादा दिमाग लगा रहे हैं, देश से इनको कितना प्यार हैं, सभी जानते हैं।