सरयू ने हेमन्त को चेताया, मीडिया/अखबार के चक्कर में न पड़ें, नहीं तो रघुवर वाली हाल हो जायेगी, अपने ही विज्ञापनों/वक्तव्यों को देखकर खुश रहना, मुगालते में जीना है
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट पर धूल चटानेवाले तथा उनके राजनीतिक कैरियर को सदा के लिए प्रभावित कर देनेवाले निर्दलीय विधायक सरयू राय ने ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को सावधान किया है, चेताया है कि, वे संभल जाये, नहीं तो सच और आह की तल्खी का सामना करने के लिए तैयार रहे।
सरयू राय ने आखिर क्या लिखा, पहले उस पर ध्यान दें। उन्होने ट्विटर पर लिखा – “पूर्व को भी कहा था, वर्तमान से भी कहा है, आगे के लिये भी कह रहा हूं – जो बातें मीडिया नहीं उठाती, अखबार नहीं छापते, वे भी जनता तक पहुंचती है। लोगों के बीच गपशप का विषय बनती है। सच की तासीर, आह की तल्खी दूर तक जाती है। अपने ही विज्ञापनों/वक्तव्यों को देखकर खुश रहना, मुगालते में जीना है।”
मतलब साफ है कि सरयू राय ने कहा है कि पूर्व के मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी उन्होंने इन्हीं सब लेकर चेताया था कि जो बातें मीडिया नहीं उठाती या अखबारें नहीं छापती, ऐसा नहीं कि वो बातें जनता तक नहीं पहुंचती, कई माध्यमों से पहुंच जाती हैं और सरकार की छीछालेदर तो होती ही हैं, उस व्यक्ति को भी जनता का कोपभाजन बनना पड़ता हैं, जो झूठ का सहारा लेकर अखबारों/मीडिया के अन्य माध्यमों से अपना वाहवाही करवाता है।
अब सवाल उठता है कि क्या सरयू राय की बातें, राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के मन-मस्तिष्क को प्रभावित करेगी, क्योंकि सत्ता का स्वभाव करीब-करीब एक ही होता है, जब हेमन्त विपक्ष में थे, नेता प्रतिपक्ष थे, तो उनका आचरण कुछ और था, उनसे मिलना आसान था, पर आज क्या हैं, सत्ता मिलते ही उन्हें उन लोगों ने घेर लिया या खुद घेरवा लिया, जिनको हेमन्त के इमेज की कोई चिन्ता ही नहीं और न ही झारखण्ड की जनता की चिन्ता हैं।
उन्हें तो सिर्फ इस बात की चिन्ता हैं कि कैसे इस सरकार के रहते, कम समय में इतना कमा लिया जाय कि उनकी आनेवाली पीढ़ी का अच्छा बंदोबश्त हो जाये, ऐसे में जनता और मुख्यमंत्री का बंटाधार होना तय हैं। खुशी इस बात की है कि जिस बात की ओर इशारा विद्रोही24 ने आज किया है, उसी बात को बहुत ही बेहतरीन ढंग से सरयू राय ने उठा दिया, बाकी जो हेमन्त को चाहनेवाले कथित हेमन्त प्रेमी है, वे हेमन्त सोरेन का कितना भला कर रहे हैं, हमसे बेहतर कौन जान रहा है?
आज ही पता चला कि जब मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन मोराबादी में भाषण दे रहे थे, जनता कुर्सी छोड़कर जा रही थी, जबकि यही हाल कुछ दिनों पहले हजारीबाग में भी देखने को मिला था, अब जनता तो धीरे-धीरे अपना रौद्र रुप दिखा रही है, पर सत्तानशीं लोगों और सत्ता का फायदा उठा रहे लोगों को ये बात समझ में आये तभी न, फिलहाल सरयू राय को बधाई कि कम से कम उन्होंने सच का आइना हेमन्त को दिखा तो दिया, संभलना हैं तो संभलेंगे नहीं तो तीन साल बाद वहीं होगा जो प्रभु रामजी ने पहले से रच रखा है, मतलब सत्ता से जाना तय है।