भाजपा हटाओ झारखण्ड बचाओ रैली में दिखा जोश, रघुवर सरकार के प्रति दिखी लोगों की नाराजगी
रांची के मोराबादी मैदान में राज्य के विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ सभी विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाई और राज्य से भाजपा को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। रघुवर सरकार बनने के बाद पहली बार इस प्रकार की रैली दिखी, जिसमें राज्य के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया।
सभी सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों के नेताओं ने एक स्वर से माना कि राज्य में सभी बुराइयों की जड़ वर्तमान रघुवर सरकार है, जिसके आने के बाद से राज्य की स्थिति बद से बदतर होती चली गई। करीब सारे विपक्षी नेताओं ने स्वीकार किया कि वर्तमान रघुवर सरकार झूठ और फरेब की सरकार है। लोग भूख से मर रहे हैं, पर सरकार कहती है कि भूख से मौत नहीं हो रही।
मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर में कहते है कि नो इंट्री लागू होगा और रांची आते-आते अपना बयान बदल देते है, मैंने ऐसा कहा ही नहीं। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जिस तरफ अंगूली उठाओ, वहीं भ्रष्टाचार सामने आ जा रहा है। राज्य की जनता की जमीन लूटकर उदयोगपतियों को देने का काम ही इस सरकार का एकमात्र काम रह गया है। राज्य की जनता की जमीन पर अपनी आंख गरायी, इस सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करने की असफल कोशिश की है।
यहीं नहीं भूमि अधिग्रहण कानून से सामाजिक प्रभावों को हटाने की यह चाल भी चल रही है। धर्म स्वतंत्र बिल लाकर पूरे राज्य में सामाजिक-धार्मिक विद्वेष फैलाने का काम इस रघुवर सरकार ने किया। मोमेंटम झारखण्ड और झारखण्ड माइनिंग शो के नाम पर केवल मुख्यमंत्री अपना चेहरा चमका रहे हैं, पर सच्चाई यह है कि इस प्रकार के आयोजन से इस राज्य को कभी लाभ नहीं होनेवाला। वक्ताओं का यह भी कहना था कि एक तरफ राज्य में लोग भूख से मर रहे हैं, तो दूसरी तरफ सरकार को हाथी उडाने से फूरसत नहीं, ऐसे में इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं।
इस रैली में प्रमुख रुप से कांग्रेस, झाविमो, झामुमो, माकपा, भाकपा, भाकपा माले, राजद तथा अन्य कई सामाजिक संगठनों ने भाग लिया तथा विपक्षी एकता के द्वारा इस सरकार को सत्ता से बाहर करने का संकल्प दोहराया। रैली में आये लोगों का भी मानना था कि रघुवर सरकार ने पूरे राज्य की जनता के बीच अपना विश्वास खो दिया है, इसलिए इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं।