अपनी बात

CM हेमन्त को ही चूना लगा रहे हैं, CMO-IPRD एवं हेमन्त का चेहरा चमकाने का ठेका लेनेवाले

जी हां, ये शत प्रतिशत सत्य है, कि CM हेमन्त को ही चूना लगा रहे हैं, CMO-IPRD एवं हेमन्त का चेहरा चमकाने का ठेका लेनेवाले, और अगर इसका सबूत देखना हैं तो आप इस विजूयल को ध्यान से देखें, सारा माजरा समझ में आ जायेगा।

लीजिये अब आपने ये विजूयल देख ही लिया, क्या समझे आप? दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का चेहरा राज्य की जनता और अन्य लोगों के बीच चमकता-दमकता रहे, इसकी जिम्मेवारी राज्य के सीएमओ और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की होती है, पर ये कर क्या रहे हैं? सभी मिलकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को चूना लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री के कान में तो उनके आगे-पीछे करनेवाले ये कह रहे है कि आपका प्रचार-प्रसार बहुत जोरों-शोरों से चल रहा हैं, लाखों-करोड़ों इस पर फूंके जा रहे हैं, पर हो रहा है ये कि हजारों में काम चलाकर लाखों-करोंड़ों का ये खुद पर वारा-न्यारा कर रहे हैं।

अब आप ही बताइये कि दो होर्डिंग लेकर, ये दो बंदा, कर क्या रहा हैं, ये दोनों रांची के हर मुहल्ले एवं कस्बे में जाकर हर खंभे में यहीं दो होर्डिंग बार-बार लगाकर उसकी फोटो खींच रहा है और फिर उसे उठाकर दूसरी जगह ले जाकर यहीं काम बार-बार कर रहा हैं। आप जानते हैं क्यों, क्योंकि यही फोटो सीएमओ-आइपीआरडी के अधिकारियों को दिखाया जायेगा और उन्हें बताया जायेगा कि मुख्यमंत्री की चेहरा चमकाने में लाखों-करोड़ों खर्च हो गये, मेरा बिल जल्दी पेमेंट कराइये और फिर ये लोग जल्द से ही इस धंधे में लगे उस बेइमान ठेकेदार को लाखों-करोड़ों पेमेंट करा देंगे और उसका कमीशन सीएमओ-आइपीआरडी में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों/नेताओं/पदधारियों को मिल जायेगा और ये कमीशन ठेकेदार ही पहुंचायेंगे।

जरा देखिये, जिस मुहल्ले का विजूयल विद्रोही24 ने आपको दिखाया है, उसका वाशिंदा, जिसके सामने ये घटना घटी, वो क्या कह रहा है? वो साफ कहता है कि ये तो मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के साथ लोग धोखा कर रहा हैं, ऐसे में तो मुख्यमंत्री की कार्ययोजना ही जनता तक नहीं पहुंचेगी।

राजनीतिक पंडितों की मानें, तो ये गोरखधंधा कोई आज से नहीं चल रहा, ये तो झारखण्ड की बुनियाद हैं, जब-जब भ्रष्ट अधिकारियों का यहां पदार्पण होता हैं, ये भ्रष्ट अधिकारी अपने कमीशन के चक्कर में सीएमओ में बैठे परिक्रमाधारियों की अनुशंसा पर ऐसे लोगों को ठेका दे देते हैं और ये ठेकेदार लाखों-करोड़ों का बिल प्राप्त करने के लिए हजार रुपये का भी काम ठीक से नहीं करते।

कमाल है, जिस होर्डिग का इस्तेमाल ये लोग विभिन्न मुहल्ले में कर रहे हैं, दरअसल उसका उपयोग तो मोराबादी मैदान में कब का हो चुका, पर उसी माल से ज्यादा मुनाफा करने के लिए ये गोरखधंधा अपना रहे हैं, जब विद्रोही24 ने इस संबंध में आइपीआरडी के एक उच्चाधिकारी से बात की, तो उनका कहना था कि वे बीमार है। कुल मिलाकर देखे, तो राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, ऐसे लोगों से स्वयं को मुक्त नहीं किया तो ये 2024 में नहीं, बल्कि उसके पहले ही जनता की नजरों में गिर जायेंगे और फिर कोई उन्हें उठा नहीं पायेगा। संभलना हैं तो संभलिये, नहीं तो हमें क्या?