राजनीति

नाबालिग बच्ची के साथ नहीं, बल्कि अपराधियों द्वारा झारखण्ड की विधि-व्यवस्था का बलात्कार – दीपक प्रकाश

राजधानी रांची के चान्हो में नाबालिग बच्ची के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की जघन्य घटना पूरे राज्य को शर्मसार करने वाली है। इस घटना ने राज्य की पूरी विधि-व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। कहा जा सकता है कि यह राज्य की एक बच्ची का नहीं बल्कि अपराधियों द्वारा राज्य की विधि-व्यवस्था का बलात्कार है।

राज्य की कानून- व्यवस्था ध्वस्त और हेमंत सरकार मस्त झारखंड की असली पहचान बन चुकी है। यहां सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। कहना गलत नहीं होगा कि झारखंड सरकार ने पुलिस प्रशासन को विधि व्यवस्था को दुरुस्त करने की बजाय अवैध वसूली, जमीन कारोबार और विरोधी दल के नेताओं को झूठे मुकदमे में फंसाने का टेंडर दे रखा है।

अपराधियों के दु:साहस और मृतप्राय हो चुकी झारखंड की कानून व्यवस्था का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि इस घटना को दिन के उजाले में किसी सुनसान इलाके में नहीं बल्कि रांची- डालटंजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंजाम दिया जाता है और सरकार और यहां की कागजी बहादुर पुलिस कुंभकर्णी निंद्रा में सोई हुई रह जाती है। अब बड़ा सवाल यह है कि राज्य की बहु-बेटी कहां सुरक्षित है?

झारखंड में जंगलराज नहीं कायम हुआ है तो यह क्या है? साथ ही सवाल यह भी उठता है कि पिछले दो वर्षों से अपराधियों का मनोबल आखिर इतना कैसे बढ़ता जा रहा है? अपराधियों में कानून का भय पूरी तरह समाप्त हो चुका है। ऐसा लगता है झारखंड पूरी तरह भगवान भरोसे और अपराधियों के रहमोकरम पर चल रहा है। एक घटना घटती नहीं कि तब तक दूसरी घटना सामने आ जाती है। पार्टी मामले में संलिप्त दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग करती है।

नाबालिग पीड़िता को लगभग 8 घंटे थाने में बिठाना पोस्को एक्ट के खिलाफ – गंगोत्री

चान्हो थाना अंतर्गत 16 जनवरी की अहले सुबह दौड़ की तैयारी कर रही नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जाँच के लिए प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश के निर्देश पर  भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश की एक 4 सदस्यीय टीम चांन्हो पहुंचीl गाँव जाकर पीड़िता के परिजनों से मुलाक़ात कर घटना की जानकारी ली। परिजनों ने बताया कि उनकी बच्ची और उसकी सहेली पढ़ाई के साथ पुलिस में भर्ती के लिए दौड़ की तैयारी कर रही थीं। वे सभी प्रतिदिन दौड़ने जाया करती थी, हर दिन की भांति कल भी तीन सहेली दौड़ने के लिए अहले सुबह घर से निकली।

परिजनों ने बताया कि लगभग 6 बजे सुबह एक सफ़ेद कार में सवार बदमाशों ने कार रोक कर सबको पकड़ने के लिए दौड़ना शुरू किया, उनकी हरकत देख सभी डर कर भागने लगी, इसी क्रम में पीड़िता गिर गयी और बदमाशों ने उसे पकड़ कर जबरन कार में डाल दिया, साथ ही कपड़ा से मुँह हाथ बांध दिया। रांची जाने की दिशा में ले जाकर सुनसान जगह में ले जाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

अपहरण कर लें जाने के क्रम में बदमाशों का मोबाइल गिरने के कारण, वे वापस आए थे। जहां मौका देखकर बच्ची उनके चंगुल से भाग निकली। परिजनों से पूछताछ के क्रम में पता चला कि लगभग 11 बजे वापस आने के बाद उसे थाना लें जाया गया और थाने में शाम 7 बजे तक बैठा कर रखा गया, नाबालिग पीड़िता को इतनी देर तक थाना में बिठाकर रखना पोस्को नियम के विरुद्ध हैं।

साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी पीड़िता का घर सुरक्षित नहीं है। हेमंत के राज में बेटियां अपने आँगन और घर में भी सुरक्षित नहीं है और जनजाति बच्चियों महिलाओं के साथ. अपराध की घटना ज्यादा बढ़ी हैं। हेमंत सरकार पीड़िता और उनके परिजनों के जान माल की सुरक्षा की व्यवस्था करें, साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट से सुनवाई कर फांसी की सजा दे।