हेमंत सरकार न मंत्री, न विधायक, न विपक्ष और न ही जनता की सुन रही, सात मार्च को होने वाले विधानसभा घेराव को लेकर आजसू ने की तैयारियां तेज़
अंग्रेजी सेना की क्रूरता के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूँकने वाले क्रांतिकारी तथा लरका आंदोलन के नायक अमर शहीद वीर बुधु भगत जी की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि उनकी संघर्ष गाथा यह गवाही देती है कि झारखण्ड के लोग ना झुक सकते और ना ही रुक सकते। साथ ही जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसी राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण सुनिश्चित करनेवाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी बाबू सामाजिक समरसता के प्रतीक तथा उपेक्षितों के मसीहा थे।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार न जनता की सुन रही, न नौजवानों की और न ही विपक्ष की। यह सरकार तानाशाह हो चुकी है। राजनीतिक एजेंडा से ग्रसित होकर काम कर रही है। राज्य के ज्वलंत विषयों पर मुख्यमंत्री एवं सरकार के द्वारा कोई जबाब नहीं दिया जाता है, उन्होंने चुप्पी साध ली है। जिससे साफ तौर पर यह दिखता है कि झामुमो महागठबंधन की सरकार झारखण्डियों के साथ न्याय नहीं करना चाहती।
आज भाषा विवाद को लेकर झारखण्ड के आदिवासी-मूलवासी सड़क पर हैं, लेकिन न ही इस विषय पर मुख्यमंत्री कोई टिप्पणी करते हैं और ना ही उनके मंत्रियों की बात सुनी जाती है। इससे यह साफ साबित हो रहा कि यह सरकार अपने हिसाब से अपने हित के लिए काम कर रही। इनका झारखण्ड एवं झारखण्डियों से कोई भावनात्मक जुड़ाव नहीं।
झारखंड सरकार द्वारा स्थानीयता, नियोजन नीति एवं क्षेत्रीय भाषा को लेकर लिए गए निर्णय से राज्य के आदिवासी-मूलवासी में व्याप्त आक्रोश के आलोक में राज्य के सभी विधायक एवं सांसद से मिलकर उपर्युक्त विषय पर उनका मंतव्य जानने को लेकर आजसू पार्टी द्वारा शुरु की गई मुहिम जारी है। इसी क्रम में आज आजसू प्रतिनिधियों ने झारखण्ड सरकार के कैबिनेट मंत्री बादल पत्रलेख, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन अंसारी के साथ-साथ रांची के विधायक सीपी सिंह, धनबाद की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, ईचागढ़ की विधायक साबिता महतो, निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, सारठ के विधायक रणधीर सिंह, जगरनाथपुर के विधायक सोनाराम सिंकू से मुलाकात की।
भाषा एवं स्थानीय नीति को लेकर झारखंड में उपजे असंतोष और जनभावना के मद्देनजर सरकार के निर्णय के खिलाफ सात मार्च को आजसू पार्टी झारखंड विधानसभा का घेराव करेगी। इसे लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है। सात मार्च को राज्य के कोने-कोने से कार्यकर्ता राँची कूच करेंगे और सरकार को जगाने की कोशिश करेंगे।