अपनी बात

हमारे CM “हेमन्त” अवगुण चित न धरो, विज्ञापनदाता है नाम तुम्हारो, जोई सो पार करो…

भाई दाद देनी होगी राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की, ऐसी बांसुरी बजाई है कि राज्य के सारे प्रमुख सम्पादकों/पत्रकारों की हेकड़ी निकल गई हैं, कोई अपने किये अपराध की माफी मांग रहा है तो कोई संपादकीय लिखकर सरकार की आरती उतार रहा है, यही नहीं ऐसा कर हेमन्त सोरेन के आगे लहालोट भी हो रहा है ताकि प्रभु रुपी राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन उन लोगों पर हमेशा कृपा बनाये रखें।

ऐसा नहीं कि किसी बात को लेकर कुपित हो जाये और इनके अखबारों के विज्ञापनों पर फिर से ताला लटक जाये। हाल ही में कुछ महीने पहले प्रभात खबर पर राज्य सरकार के मुखिया कुपित हो गये, फिर क्या था, प्रभात खबर का विज्ञापन ही लटक गया, काफी मान-मनोव्वल हुआ तब जाकर प्रभात खबर का विज्ञापन शुरु हुआ।

इधर फिर प्रभात खबर ने 19 फरवरी को ऐसी खबर छाप दी कि राज्य सरकार के मुखिया और उनके लोग प्रभात खबर पर कुपित होने लगे, फिर विज्ञापन पर तलवार लटकने की बारी आई तो प्रभात खबर ने ठीक इसके दूसरे दिन यानी 20 फरवरी को प्रथम पृष्ठ पर तीन कॉलम में ऐसी समाचार छापी, जो बयां कर रहा था कि उससे फिर गलती हुई हैं, और इस गलती के कारण सरकार के मुखिया ज्यादा कुपित न हो, अपने क्रोध को शांत करें तथा प्रभात खबर को माफ कर दें, इस कारण से उक्त समाचार को छापा गया।

इधर मैं आज देख रहा हूं कि अचानक रांची से प्रकाशित दो अखबारों ने पर्यटन के माध्यम से राज्य सरकार के मुखिया हेमन्त सोरेन की आरती उतार दी, जिससे उत्साहित होकर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का आइटी सेल संभाल रहे लोगों ने हिन्दुस्तान अखबार की कटिंग को हेमन्त सोरेन की साइट पर डाल दिया, उक्त आर्टिकल को हिन्दुस्तान में कोई साधारण पत्रकार ने नहीं प्रकाशित किया था, इसके लेखक थे सहायक संपादक -चंदन मिश्र।

ये आज की पत्रकारिता है, मतलब समझ रहे हैं न, और ये सब हो रहा हैं, सिर्फ और सिर्फ पीआर के लिए, विज्ञापन की प्राप्ति के लिए, न कि समाज व राज्य हित के लिए। अब सवाल उठता है कि इस राज्य में इस प्रकार की पत्रकारिता ही चलेगी तो क्या राज्य का भला होगा? इस पर राज्य के सभी नागरिकों को चिन्तन करने की आवश्यकता है।