अपनी बात

मैं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और मैं विभागीय अधिकारी शशि प्रकाश, मैं बड़े-बड़े होटलों में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेता हूं, निदेशालय के प्राँगण में आयोजित कार्यक्रमों में तो छोटे अधिकारी भाग लेते हैं, समझे!

झारखण्ड के विकास और कल्याणकारी योजनाओं को संचालित करने के प्रति झारखण्ड सरकार के मंत्री कितने संजीदा है? उसकी एक बानगी देखिये। शुक्रवार को राजधानी रांची में कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के तत्वावधान में दो कार्यक्रम आयोजित था। एक कार्यक्रम राजधानी के एक प्रतिष्ठित होटल में पशु चिकित्सकों के प्रशिक्षण से संबंधित था, वहीं दूसरा कार्यक्रम एचईसी परिसर स्थित गव्य विकास निदेशालय के प्रांगण में  पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

एचईसी में आयोजित कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त गव्य विकास पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा

विभागीय मंत्री बादल पत्रलेख और गव्य विकास विभाग के निदेशक शशि प्रकाश झा ने होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित पशु चिकित्सकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में तो शिरकत की, लेकिन गव्य विकास निदेशालय में आयोजित प्रशिक्षण सह कार्यशाला एवं पशु वितरण समारोह में शामिल होना उचित नहीं समझा। कमाल की बात है, गव्य विकास निदेशालय के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में न तो मंत्री, न ही विभागीय सचिव और न ही निदेशक ने शामिल होना उचित समझा।

सभागार में बैठे महिला एवं पुरुष प्रशिक्षणार्थी मंत्री व विभागीय अधिकारियों का इंतजार करते हुए

मंत्री एवं विभागीय सचिव के आगमन का उस कार्यक्रम में भाग ले रही महिला एवं पुरुष प्रशिक्षणार्थी घंटों इंतजार करते रहे, पर उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अन्त में, इस कार्यशाला को बतौर प्रशिक्षक एक सेवानिवृत्त गव्य विकास पदाधिकारी ने संबोधित किया। सेवानिवृत्त अधिकारी ने ही कार्यक्रम में मौजूद महिला पशुपालकों को पशुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी।

गव्य विकास विभाग द्वारा निदेशालय प्रांगण में सरकारी विभागों एवं निजी कंपनियों के लगे स्टाल

ऐसी है यहां की सरकार, ऐसे हैं विभागीय अधिकारी। इसी कार्यक्रम में पत्रकारों को कवरेज के लिए पहले तो अपराहन 1:00 बजे आमंत्रित किया गया था। फिर सूचित किया गया कि कार्यक्रम 2:00 बजे से शुरू होगा। लेकिन कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ तकरीबन 3:00 बजे हुआ, वह भी सिर्फ एक प्रशिक्षक के बलबूते। लगभग दो घंटे तक प्रशिक्षणार्थियों को समारोह में इस आशा में बिठाए रखा गया कि मंत्री एवं विभागीय सचिव कार्यक्रम में आएंगे, पर कोई नहीं आया।