अपनी बात

आसन तो बहाना है, आसन के माध्यम से पलटी मारने का ट्रेलर पीएम मोदी और भाजपा को दिखाना है, ये लालटेन पकड़ने का संकेत भी है

आसन तो बहाना है, ये व्यक्ति (नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार) आसन के बहाने सीधे पीएम नरेन्द्र मोदी और भाजपा को ललकार रहा है। उसे चार राज्यों में भाजपा की शानदार जीत पच नहीं रही हैं, इसलिए उसने मौका मिलते ही पलटी मारने की तैयारी कर ली है। उसने संकेत दे दिये, जिसको समझना है समझे, नहीं समझना है तो गफलत में रहे, इसने अब लालटेन के साथ जाने की तैयारी कर ली हैं और लालटेन भी तीर के माध्यम से बिहार में सर्वत्र लटकने को तैयार हैं।

जैसी बेइज्जती बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभाध्यक्ष की, आज की हैं। ऐसे में तो नैतिकता के आधार पर बिहार विधानसभाध्यक्ष को इस्तीफा दे देना चाहिए, पर वे ऐसा करेंगे, हमें दूर-दूर तक नहीं दिखाई देता, क्योंकि वे भी जानते हैं, जब तक विधानसभाध्यक्ष हैं, तभी तक सम्मान हैं, नहीं तो मात्र एक विधायक बन कर रह जायेंगे।

बिहार की जो स्थिति है, वहां सारे भाजपा विधायक मानसिक रुप से गुलामों की तरह हो गये हैं। उनमें इतना भी साहस नहीं है कि अपनी हो रही बेइज्जती का सामना करें, उसका जवाब दें, लड़ना तो दूर की बात है। शायद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले मुख्यमंत्री हैं, जिसने सदन में आसन को इस प्रकार से अपमानित किया।

राजनीतिक पंडितों की माने तो वे कहते है कि आज तक किसी राज्य में सदन का नेता, आसन को इस प्रकार अपमानित नहीं किया, जैसा कि नीतीश कुमार ने किया। राजनीतिक पंडित साफ कहते है कि ये अहंकार का परिचायक हैं, और जब अहंकार जन्म ले लेता है तो वहीं होता है, जो फिलहाल लालू यादव के साथ हो रहा है। ये नीतीश कुमार को समझ लेना चाहिए। ऐसे भी वे जिंदगी भर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं चिपके रहेंगे, इस बार अगर इनका अहं इसी तरह बरकरार रहा तो यकीन मानिये, इनकी मुख्यमंत्री पद से पुर्णाहूति भी हो जायेगी।