रांची सदर थाना ने झारखण्ड आंदोलनकारी सह पत्रकार उमाकांत महतो को दी धमकी
पत्रकार उमाकान्त महतो का आरोप है कि उनके द्वारा खरीदी गई घर पर 13 जनवरी की रात घर का छप्पर व एक कमरे मे जबरन घूसकर किताब व कई सामानों की चोरी बिल्डर कौशल किशोर व जमीन मालिक राजीव चटर्जी ने कर, घर पर कब्जा कर लिया। साथ ही पूरब तरफ की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया। जिसकी सूचना उन्होंने सदर थाने को दी, पर थाना की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
उमाकांत महतो ने विद्रोही24 को बताया कि जब वे इस क्रम में थानेदार से मिले, तब थानेदार श्याम किशोर महतो ने क्षतिपूर्ति का आश्वासन जरूर दिया, पर एक सप्ताह के बाद पुन: कार्रवाई के बाबत जानकारी के लिए जब वे दारोगा से मिले, तो उल्टे दारोगा ने उमाकांत पर ही आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने फर्जी केस किया है, इसलिए आपके ऊपर भी दो चार फर्जी केस कर दिया जायेगा। उमाकांत महतो ने जब थानेदार से मामला दर्ज करने को कहा, तब डेढ़ महीने बीतने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
पत्रकार उमाकांत महतो बताते है कि इसकी सूचना उन्होंने एसएसपी को भी दी, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इन हालातों के मद्देनजर पत्रकार ने खुद ही उनके कब्जे से जमीन को मुक्त करा कर कब्जा कर लिया। जिससे बौखलाए थाना ने कल यानी मंगलवार को मौखिक आदेश व धमकी की कि उमाकांत अपना कब्जा हटा ले, नहीं तो अच्छा नहीं होगा। इस बाबत लिखित मांगने पर थानेदार द्वारा नहीं दिया गया।
पत्रकार उमाकांत महतो कहते हैं कि हो सकता है कि अवैध कब्जा करनेवाले असामाजिक तत्वों द्वारा उनकी पिटाई करा सकते हैं। इसकी जानकारी भी पत्रकार ने केस के अनुसंधानकर्ता अविनाश सिंह को दे दी है, साथ ही इन सबकी शिकायत ऑनलाइन के माध्यम से झारखण्ड पुलिस को कर दी है। उमाकांत महतो कहते है कि ऐसे में, तो उनके मुंह से यही निकलता है कि हेमंत सरकार मे आम आदमी की कौन पूछे, पत्रकार भी सुरक्षित नहीं।