मोदी बजायेंगे जीएसटी का घंटा, विपक्ष करेगा बहिष्कार
1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू होने जा रहा है, इसकी पूरी तैयारियां कर ली गयी है, पूरे ताम-झाम के साथ संसद के केन्द्रीय हॉल में एक समारोह आयोजित कर आज संसद में आधी रात को जीएसटी का घंटा बजेगा और फिर पूरे देश में एक प्रकार का कर-प्रणाली लागू हो जायेगा। इसके लिए संसद के केन्द्रीय कक्ष में संयुक्त सत्र बुलाया गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इसे लांच करेंगे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभाध्यक्ष सभी मौजूद रहेंगे। जीएसटी लागू करने के पूर्व इस पर बनायी गई फिल्म भी सभा में मौजूद लोगों को दिखाई जायेगी। यह पहली बार हुआ है कि देश में किसी कानून को लागू करने के लिए आधी रात को संसद का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में केवल सांसद ही नहीं रहेंगे, बल्कि हर क्षेत्र के प्रमुख लोगों को विशेष रुप से आमंत्रित किया गया है।
विपक्ष ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का किया ऐलान
जीएसटी लांचिंग कार्यक्रम का कांग्रेस, राजद, टीएमसी और भाकपा ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है। बहिष्कार के लिए सब की अपनी-अपनी राय है, जबकि सच्चाई यह है कि जीएसटी का प्रस्ताव कांग्रेस के ही नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिया था और जब इसे लागू करने की बात आई तो इससे मुकरने की बात लोगों को समझ में नहीं आ रही। कुछ लोग कांग्रेस के इस बहिष्कार पर चुटकी लेते हुए कहते है कि हमारे देश में विपक्षी दलों का यहीं कार्य है, वे विपक्ष में है, इसलिए विरोध करेंगे। कुछ यह भी कहते है कि जब राजीव गांधी ने देश में कम्प्यूटर क्रांति की शुरुआत की थी, तो यहीं हाल था, विरोध का ऐसा स्वर गुंजा था, जिससे लगता था कि देश में कम्प्यूटर के आने से देश बहुत पीछे चला जायेगा, पर राजीव गांधी की सोच ने देश को कहा लाकर खड़ा किया, वह सबके सामने है, इसलिए हर अच्छी बात का विरोध सही नहीं ठहराया जा सकता। एक राष्ट्र, एक टैक्स की अवधारणा से देश को मजबूती ही मिलेगी और इससे गलत करनेवाले तथा कर की चोरी करनेवालों पर लगाम कसेगा, जो विकास के लिए अति आवश्यक है।
नीतीश ने दिया समर्थन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर वहीं किया, जिसके लिए वे जाने जाते है, उन्होंने महागठबंधन के विरोध के बावजूद इस कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला ले लिया है, वे कहते है कि यह देशहित में है, इसमें प्रत्येक को भाग लेना चाहिए। वे यह भी कहते है कि उनकी पार्टी हमेशा से ही जीएसटी के समर्थन में रहा है, अब ये संवैधानिक चीज बनने जा रहा है, ऐसे में इसका विरोध करना कतई ठीक नहीं है। आश्चर्य की बात है कि जिस बिहार विधानसभा में जीएसटी पर कांग्रेस और राजद ने समर्थन किया, वे ही अब इस लांचिग समारोह की आलोचना करने से नहीं चूक रहे।
व्यापारी वर्ग दुविधा में
जीएसटी से सर्वाधिक दुविधा व्यापारियों की है। कपड़ा व्यापारी तो जीएसटी के विरोध में आंदोलन पर उतारु है, पर इस आंदोलन का कोई असर सरकार पर नहीं पड़ने जा रहा। अब जीएसटी लागू होने से करचोरी पर एक तरह से विराम लगेगा। जीएसटी लागू होने के बाद किराना दुकानों पर बिना बिल के कोई सामान नहीं बिक सकेगा। जितना स्टॉक वे रखेंगे, उसकी बिक्री का हिसाब भी विभाग को देना होगा। यहीं नहीं पक्के बिल तथा लेन-देन का हिसाब विशेष रुप से रखना होगा, हर खरीद-बिक्री पर विभाग की सीधी नजर होगी। जिससे व्यापारियों को लगता है कि परेशानी बढ़ेगी, पहले ऐसी व्यवस्था नहीं रहने के कारण पता ही नहीं चल पाता था कि किसके पास कितना स्टॉक है और उसने उन स्टॉक का क्या किया?
पूरे विश्व की नजर
देश में एक प्रकार की कर प्रणाली लागू होने को लेकर, पूरे विश्व की भारत पर नजर है। कई देश ऐसी व्यवस्था को लागू किये है, जिसका परिणाम सुखद नहीं रहा, पर कई ऐसे भी है, जिन्होंने इसका लाभ प्राप्त किया। पड़ोसी पाकिस्तान और बांगलादेश भी भारत की इस जीएसटी पर नजर रखे हुए है, ताकि वे भी अपने देश में इसका लाभ उठा सकें।