सवाल झारखण्ड के CM हेमन्त, प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल, धनबाद के DC व SSP और बाघमारा के BJP MLA ढुलू महतो से क्या कुंती और उसके परिवार को जीने का अधिकार आप लोग नहीं देंगे?
विद्रोही24 का सीधा सवाल, झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी, बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो, धनबाद के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक से क्या बाघमारा की रहनेवाली कुंती देवी और उसके परिवारों को इस राज्य में जीने का या जीविकोपार्जन करने का अधिकार नहीं हैं और अगर अधिकार नहीं हैं, तो वो भारतीय संविधान की किस धारा के अंतर्गत नहीं हैं, ये आम जनता जानना चाहती है।
दरअसल हम यह सवाल इसलिए उठा रहे है कि गत् 11 फरवरी से कुंती देवी का जहां दुकान लगता हैं, ठीक उसी दुकान से सटाकर भाजपा विधायक ढुलू महतो अपने पानी का टैंकर सटा कर लगा दिया हैं, जिसके कारण उसका दुकान पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा दिनों से बंद हैं, जिसके कारण उसकी जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन उसका दुकान बंद हैं।
कुंती देवी अपना दुकान खुलवाने के लिए किसके दरवाजे तक नहीं गई, वो सभी के दरवाजे खटखटा चुकी हैं, पर कोई उसकी सुननेवाला नहीं, उलटे उसे ही भादवि की कई धाराओं में फंसाने का कुचक्र रच दिया गया। कुंती देवी, विद्रोही24 को बताती है कि वो अपने दुकान से ढुलू महतो का टैंकर हटवाने के लिए धनबाद के उपायुक्त, एसएसपी, स्थानीय थानेदार, समाज के कई प्रबुद्धों के दरवाजे तक पहुंची, पर उस गरीब की बात कोई सुनने को तैयार नहीं और न ही न्याय दिला रहे हैं।
कुंती बताती है कि भाजपा विधायक ढुलू महतो के अत्याचार से उसका पूरा परिवार तबाह हैं, पर प्रशासन उसके अत्याचार से उसे मुक्ति नहीं दिला रहा। सबूत सामने हैं, देखिये कैसे मेरे ही दुकान के सामने विधायक ढुलू महतो का टैंकर लगा है।
वो बताती है कि उसे पता चला कि धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर प्रदर्शन करने से लोगों को न्याय मिलता है, वो वहां भी जाकर न्याय की भीख मांगी, बाद में राजभवन रांची गई, वहां से भी न्याय नहीं मिला, वहां तो अखबार वालों ने भी उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। कैसी अंधेरगर्दी हैं? गरीब की पूछनेवाला कोई नहीं हैं, अब हम कहां जाये?
कुंती बताती है कि उसका साढ़े चौदह डिसिमिल जमीन पर मंदिर-धर्मशाला ढुलू महतो ने बनवा दिया, हमलोगों ने कुछ नहीं बोला, अब जो थोड़ी जमीन बची हैं, उसमें हमें दुकान भी खोलने नहीं दे रहा। पहले इसी छोटी सी जमीन पर छोटी दुकान जिसमें इडली-घुघनी बेचकर वो अपना और अपने परिवार का पेट पालती थी, ढुलू महतो ने दुकान ही बंद करा दिया और प्रशासन उसी का साथ दे रहा हैं। मेरे ही दुकान के आस-पास कई लोग दुकान खोल कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं, पर हमें दुकान चलाने की इजाजत नहीं, मुझे जीने की इजाजत नहीं।
अभी बाघमारा मे कोयले का काला खेल चल रहा हे जिसमे यहा पर सभी सभी कोई इस काले साम्राज्य में शामिल हो गया है चाहे वह प्रशासन हो या फिर कोई भी पक्ष- विपक्ष का नेता हो, जिस कारण कोई गरीबों का सुनने वाला नहीं सभी स्कारले कमाई का हिस्सा बन चुका