अपनी बात

चुल्लू भर पानी में डूब मरो भाजपाइयों, सत्ता में शामिल लोगों, धनबाद के DC, SSP व अन्य अधिकारी जो कुंती को आमरण-अनशन पर बैठने पर मजबूर कर दिये

चुल्लू भर पानी में डूब मरो भाजपा का स्थापना दिवस मनानेवाले भाजपाइयों, तुम्हारा एक बाघमारा का विधायक ढुलू महतो, एक गरीब व लाचार कुंती देवी के परिवार को तबाही के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया हैं, अब वो और उसका परिवार 18 अप्रैल से धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर आमरण अनशन पर बैठने जा रहा हैं और तुम उसकी मदद न कर, अपने विधायक की गैर-कानूनी कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हो।

चुल्लू भर पानी में तो डूब मरना चाहिए हेमन्त सरकार को भी, जो दो महीने होने को आये और कुंती देवी को न्याय तक नहीं दिला सकें। चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए धनबाद के उपायुक्त व वरीय पुलिस अधीक्षक को भी जो आज तक कुंती देवी की दुकान के आगे लगी ढुलू के टैंकर व ईंटों को हटवा नहीं सकें ताकि कुंती देवी अपनी बंद दुकानों को खोलकर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।

इधर कुंती देवी और उसका परिवार न्याय मांगने के लिए कहां नहीं गया। वो धनबाद उपायुक्त कार्यालय गया। वो वरीय पुलिस अधीक्षक धनबाद के आवास व कार्यालय पर माथा रगड़ा। वो रांची स्थित राज भवन आकर भी माथा रगड़ा, पर क्या मजाल कि ये मठाधीश उसको न्याय दिला सकें। अब बेचारी कुंती क्या करेगी, उसने फैसला किया कि वो अब अपने पूरे परिवार के साथ धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर आमरण अनशन पर बैठेगी।

उसके इस अनशन में उसका पति, उसकी दो बेटियां और एक बेटा भी शामिल होगा। वो विद्रोही24 से कहती है कि ऐसे मरने से अच्छा है कि वो संघर्ष करते हुए मरें। वो इस बात की जानकारी पत्र के माध्यम से धनबाद के उपायुक्त को भी भेजी हैं और उसकी प्रतिलिपि एसडीओ धनबाद, एसएसपी धनबाद, सीओ धनबाद, थाना प्रभारी बरोरा, राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री कार्यालय, केन्द्रीय मानवाधिकार आयोग, मुख्य सचिव झारखण्ड को आज भेज दी।

कितने शर्म की बात है, कि कुंती देवी की अपनी जमीन हैं, और कुंती देवी अपनी ही जमीन पर अपना दुकान नहीं खोल सकती, क्योंकि उसके दुकान के ठीक सामने भाजपा विधायक ढुलू महतो ने अपना टैंकर खड़ा कर दिया हैं, अब तो उसने उसकी दुकान के सामने इस प्रकार से ईट गिरा दिया है कि वो चाहकर भी अब कुछ नहीं कर सकती।

धनबाद का सारा प्रशासन भाजपा विधायक ढुलू महतो के आगे हाथ जोड़कर खड़ा हो गया है, किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया हैं। लाचार हो गया है। उसकी हिम्मत ही नहीं कि कुंती को ये न्याय दिला सकें। राजनीतिक पंडित कहते है कि ढुलू को भाजपा क्या, सत्ता के लोग भी उसे डिगा नहीं  सकते, क्योंकि ढुलू की कृपा सब पर बरसती हैं। उसकी कृपा से तो पत्रकार भी नहीं बचें हैं। इसलिए किसी की हिम्मत नहीं होती कि उसके द्वारा किये जा रहे अन्याय के खिलाफ कोई आवाज उठा सकें।

अब चूंकि कुंती ने आमरण अनशन की बात कही हैं, तो वो आमरण अनशन पर बैठ भी जायेगी और उसके परिवार के लोग दम भी तोड़ देंगे, तब भी न तो कोई भाजपाई और न ही सत्ता पक्ष का लोग कुंती देवी को न्याय दिलाने के लिए आगे आयेगा, ये ध्रुवसत्य हैं। कुंती देवी को अगर कोई न्याय दिला सकता है तो वो सिर्फ और सिर्फ ईश्वर है। देखते हैं, ईश्वर उसकी किस्मत में क्या लिखा हैं?