राजनीति

कहा लिखा है कि मुख्यमंत्री या किसी जनप्रतिनिधि को भगवा पहन, लंगोटे में सदन जाना चाहिए – सुदिव्य

आज झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेस किया और वो सारी बातें कही जो आज के अखबारों में प्रकाशित हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए के गांगुली के बयानों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पत्रकारों को यह बतलाने की कोशिश की गई, कि चुनाव आयोग कोई भी फैसला करने के पहले, झामुमो के पक्ष को भी सुनेगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो झामुमो के लिए न्यायालय का दरवाजा खुला हुआ है।

सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि इस प्रदेश में शासन किसका होगा, इसका निर्णय 25 सीट प्राप्त करनेवाली भाजपा नहीं कर सकती, बल्कि जिसे 47 सीटों का जनादेश प्राप्त हुआ हैं, उस गठबंधन को निर्णय लेना होगा कि यहां सरकार किसकी होगी, इसका निर्णय भी सदन के फ्लोर पर होगा, क्योंकि जनता ने 2019 में उनके गठबंधन को जनादेश दिया है।

सुदिव्य कुमार सोनू ने साफ कहा कि मोमेंटम झारखण्ड में क्या-क्या गड़बड़ियां हुई हैं, उन्हें पता है, किसने कैसे टीशर्ट-टॉफी घोटाला किया, मैनहर्ट घोटाले में किसकी क्या भूमिका हैं सब पता है, कौन कितना शुचिता का पालन कर रहा हैं, वो भी झामुमो को पता है, गठबंधन दलों को पता है। सुदिव्य ने कहा कि जो मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं, पहले अपनी घर देख लें, सुदिव्य ने भाजपा विधायक मनीष जायसवाल के नाम भी लिये और आजसू नेता सुदेश महतो पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये और पत्रकारों को कहा कि इन पर कोई भाजपा का नेता टीका-टिप्पणी नहीं करता, आखिर क्यों?

सुदिव्य ने पत्रकारों को ओफाज (आर्गेनिक फार्मिंग आथोरिटी ऑफ झारखण्ड) के बारे में भी बताया कि आनेवाले समय में सारे लोगों को यह भी सुनाई देगा, ये ओफाज बनाया गया था किसानों को आर्गेनिक फार्मिंग सिखाने के लिए, बाद में नेताओं ने भी ये फार्मिंग सीखी है। सुदिव्य कुमार सोनू ने भाजपाइयों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा 9 ए मामले में जनता को दिग्भ्रमित करने का काम किया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 ए के तहत माइनिंग लीज का मामला सप्लाई ऑफ गुड्स बिजनेस के तहत आता ही नहीं।

सुदिव्य कुमार सोनू ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि जनादेश या सार्वजनिक जीवन शुचिता के साथ यह एलाउ करता है कि विधिक कोई भी व्यवसाय करने के लिए व्यक्ति स्वतंत्र है, अगर वो इन्कम टैक्स नहीं मार रहा हो, सेल टैक्स नहीं मार रहा हो, कही ये नहीं लिखा गया कि मुख्यमंत्री को या किसी जन-प्रतिनिधियों को भगवा पहन लेना चाहिए और लंगोटे में सदन जाना चाहिए। आपका निर्वाचित प्रतिनिधि एक नागरिक के हैसियत से कोई रोजगार को इन्ज्वाय करता हैं तो उसका हक है, अगर यह व्यवस्था गैरकानूनी है तो दंडनीय अपराध है।