अपनी बात

आप बेकार डॉयलॉगबाजी कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी, आप या यहां के IAS/IPS अधिकारियों की इतनी हिम्मत नहीं कि अवैध खनन में लगे नेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों के गिरेबां पकड़ सके

“अवैध खनन हुआ तो अफसरों की खैर नहीं, अवैध माइनिंग और इससे जुड़े माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी, एक से 15 जून 2022 तक स्पेशल ड्राइव चलाया जायेगा” दरअसल ये जो डॉयलॉग हैं न मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी, इसकी भाव व भाषा जनता खूब समझती है, आप जो जनता को बुद्धू समझने की कोशिश कर रहे हैं न।

दरअसल जनता उतनी बुद्धू भी नहीं है, पता नहीं क्यों और कौन एजेंसी या उसके लोग आपके समाचार को लिखते हैं और आइपीआरडी उसे उसी भाव में रिलीज कर देती है, साथ ही आपके विज्ञापन या टूकड़ों पर पलनेवाले मीडिया के लोग इसे हाथों-हाथ लेकर जनता तक उसे पहुंचा देते हैं, पर जनता ऐसे समाचारों को किस रुप में लेती हैं, मुझे पता है।

आपके आवासीय कार्यालय से जो कल झारखण्ड के उपायुक्तों/पुलिस अधीक्षकों के साथ खनन विभाग की समीक्षा बैठक हो रही थी और उस विभागीय बैठक में जो आपके चेहरे का भाव था, वो बड़ा तमतमाया हुआ था, उस तमतमाहट का एक प्रतिशत भी भाव खनन विभाग पर पड़ गया, तो समझिये राज्य का काया पलट, पर मैं जानता हूं कि राजनीतिज्ञों/आइएएस/आइपीएस के चेहरों का भाव अंदर से कुछ और बाहर से कुछ होता हैं, जैसे आप खुद देखिये न।

आपने कहा कि एक जून से 15 जून तक स्पेशल ड्राइव चलाया जायेगा, अरे भाई एक जून से क्यों, अभी से क्यों नहीं, क्या एक जून को आपने किसी ज्योतिषी से पतरा दिखाया है कि उस दिन ड्राइव चलाने के बाद से सब कुछ अच्छा रहेगा, अरे गलत का पर्दाफाश करना है, गलत को नेस्तनाबूद करना है, तो गलत करनेवालों को आपने दस दिन और गलत करने का समय क्यों दे दिया?

अरे भाई, आपके किस पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों की हिम्मत है कि कोयला माफियाओं के गर्दन पर हाथ धर दें, हां जो गर्दन पर हाथ धरनेवाले पुलिस अधिकारी हैं, उन्हें तो आपने रांची में ऐसे स्थानों पर बिठा दिया हैं, कि वे कुछ कर ही नहीं पा रहे, ऐसे अधिकारियों की हालत जो रघुवर शासनकाल में थी, वो आज भी हैं, ऐसे में इस प्रकार के डॉयलॉगबाजी से किसे फायदा होगा, क्या जनता नहीं जानती।

अरे धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर एक भाजपा के दबंग विधायक ढुलू की मार से कुंती देवी का पुरा परिवार आमरण अनशन पर बैठा है, उसे आपने उससे जीने का अधिकार छीन लिया और आप खनन विभाग में हो रही गुंडई या भ्रष्टाचार पर रोक लगा लेंगे। दो दिन पहले की घटना है कि धनबाद के भूली थाना का पुलिसकर्मी एक खाली ट्रक को लाया और जेसीबी मंगवाकर थाने में पड़ा चार ट्रेक्टर कोयला को उस खाली ट्रक में भरवा दिया।

फिर उस के ट्रक मालिक और ट्रक चालक पर झूठी प्राथमिकी दर्ज करवा दी और आप कहते है कि आप बेहतर माहौल पैदा कर देंगे। आपकी सरकार आने के बाद तो धनबाद के पूरे क्षेत्र में कोयला माफियाओं की लॉटरी निकल गई, आउटसोर्सिंग धंधे में लगे लोगों की भी बांछे खिल गई, जो भी इस अवैध धंधे में लगे थे, मोटे होने शुरु हो गये। क्या राजनेता और क्या पत्रकार सभी अपनी जेबें भरने लगे। क्या आपकी सरकार या आपके अधिकारियों में इतनी हिम्मत है कि ऐसे नेताओं और पत्रकारों को जेल के अंदर डाल दें। नहीं न। तो फिर इस प्रकार की डॉयलॉगबाजी से किससे फायदा होनेवाला है।

विद्रोही24 के पास आज ही फोन आया और बताया गया कि एक पत्रकार जो सात साल पहले कुछ भी नहीं था, भूखों मर रहा था, उसके माता पिता की भी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, वो आज दो फ्लैट का मालिक है, चार चक्के पर चल रहा हैं, अब आप ही बताइये कि जिस अखबार में वो काम कर रहा हैं, उसका वेतन ही बीस हजार रुपये से भी अधिक नहीं हैं, वैसा पत्रकार मात्र सात साल में दो फ्लैट वो भी चालीस-चालीस लाख रुपये का खरीद लेगा, स्वीप कार खरीद लेगा। नहीं न। तो ऐसे महान पत्रकारों को जेल के अंदर घुसाने की भी ताकत होनी चाहिए।

भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी ने तो हाल ही में धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर साफ कहा था कि नेता, कोल माफिया, अधिकारी और पत्रकार सभी मिलकर झारखण्ड को लूट रहे थे, और जैसे ही उन्होंने ये बातें कही, पत्रकारों का दल दायें-बायें देखने लगा था। आज भी बाबू लाल मरांडी का सोशल साइट पर लिखा संवाद सत्य के काफी निकट हैं, इस पर ध्यान देने की जरुरत हैं –

“वाह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, आपका “अवैध खनन हुआ तो अफसरों की खैर नहीं” वाला बयान तो “ सत्तर चूहे खाकर बिल्ली हज को चली” वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। ऐसी बयानबाजी कर किसे बेवकूफ बना रहे हैं आप? कलई खुलने लगी तो बैक फुट पर काहे जा रहे हैं? पब्लिक सब जान गयी है। लोग जान गये हैं कि साहिबगंज से लेकर रांची के अनगड़ा तक खदानों पर आपके और आपके चेले-चमचों का ही कब्जा है, विभाग के मंत्री भी आप। एक कमाऊ अफसर पकड़ी गई तो आपकी पार्टी उसके बचाव में रैलियां कर रही थी और आप ईडी द्वारा 19 करोड़ से ज़्यादा नोट पकड़े जाने को गीदड़ भभकी बता रहे थे।