राजनीति

शर्मनाक, बांगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय में खड़ी दिखी सरकार, आदिवासियों पर गहराया संकट – बाबू लाल

राज्य में बढ़ रहे बांगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दिये गये हलफनामे से क्रुद्ध राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी ने आज हेमन्त सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से गोलमटोल जवाब सुप्रीम कोर्ट में दिये हैं, उससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार बांगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के पक्ष में खड़ी हो गई है।

उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार द्वारा राज्य से अवैध घुसपैठियों को बाहर करने की याचिका का विरोध करने की खबर अखबारों की सुर्खियां हैं। सच्चाई यह है कि झारखंड में बढ़ते घुसपैठ से राज्य में जनसंख्या असंतुलन, डेमोग्राफिक बदलाव बड़े पैमाने पर हुआ है। विशेषकर राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में। इस क्षेत्र के साहेबगंज, पाकुड़ जिला तो घुसपैठियों से भरा पड़ा है। इन घुसपैठियों में  बांग्लादेशी एवम रोहिंग्या शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इन घुसपैठियों का राज्य के रोजी रोजगार पर कब्जा बढ़ रहा है। ये अवैध उत्खनन में शामिल हैं। ये घुसपैठिये मवेशियों की तस्करी के साथ बांग्लादेश तक अवैध व्यापार को चला रहे हैं। गलत तरीके से आधार कार्ड, पैन कार्ड बनाकर ऐसे लोग संथाल परगना के आदिवासियों, मूलवासियों का हक छीन रहे हैं। लेकिन राज्य  सरकार घुसपैठियों को वोट बैंक बनाने में ज्यादा दिमाग लगा रही हैं।

श्री मरांडी ने कहा कि इन घुसपैठियों पर कार्रवाई करने, इनकी पहचान कर देश से बाहर निकालने के सवाल पर वर्ष 2017 में माननीय उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों को अपना पक्ष रखने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि राज्य सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए न्यायालय में इसका गोलमटोल जवाब दिया।

आज राज्य सरकार के इसी मानसिकता का दुष्परिणाम है कि राज्य में धार्मिक जुलूस पर हमले हो रहे। धार्मिक जुलूस में हिंसात्मक घटनाएं घट रही। पिछले दिनों लोहरदगा, हजारीबाग सहित अन्य कई स्थानों पर हुई हिंसात्मक घटनाएं स्पष्ट उदाहरण है। अब तो जनजाति समाज के सरहुल जुलूस को भी निशाना बनाया जा रहा।

उन्होंने कहा कि अब तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बीच भी ऐसे तत्व खुलकर सामने आने लगे। पंचायत चुनाव के क्रम में गिरिडीह जिलान्तर्गत गांडेय में एक प्रत्याशी के नामांकन में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे। दो दिन पहले हजारीबाग जिलान्तर्गत  बरकट्ठा में एक पंचायत चुनाव में विजयी उम्मीदवार के जुलूस में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों लोहरदगा में धार्मिक जुलूस पर हुए हमले के बाद पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट स्वीकार किया कि राज्य में स्लीपर सेल सक्रिय हैं। इसके बावजूद इस सरकार ने कोई ठोस जवाब न देकर केवल हजारीबाग में डिटेंशन सेंटर बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि इस डिटेंशन सेंटर की प्रगति क्या है। कितने लोगों को चिन्हित किया गया और डिटेंशन सेंटर लाया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है। इसलिये भाजपा मांग करती है कि पहले चरण में संथाल परगना में सर्वे हो। घुसपैठिये चिन्हित हों। नही तो आने वाले दिनों में जो लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन होंगे उसमे आरक्षित जनजाति सीट खत्म हो जाएंगे।