अपनी बात

नैतिकता का तकाजा, CM हेमन्त सोरेन को विधायक प्रतिनिधि पंकज और प्रेस सलाहकार पिंटू से स्वयं को अलग कर लेना चाहिए

नैतिकता का तकाजा तो यही है कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को अपने विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और अपने प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू से दूरियां बना लेना चाहिए, पर क्या ऐसा वे कर पायेंगे? राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के लिए ऐसा करना सामान्य बात नहीं हैं, क्योंकि इन दोनों महानुभावों से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का प्रेमानुराग सर्वविदित है।

शायद यही कारण रहा कि पंकज मिश्रा तो इडी को कई बार धमकी देने से भी नहीं चूंके, पर सच्चाई क्या हैं? वर्तमान की उसकी फोटो सब कुछ कह दे रही है। इधर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू को ईडी द्वारा मिले समन से लोग अभी से दिमाग लगाने लगे है कि आनेवाले समय में ईडी अब उसके साथ कैसा व्यवहार करने जा रही है।

राजनीतिक पंडित की मानें, तो मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू को ईडी से समन मिलने के बाद स्वयं ही मुख्यमंत्री से अलग कर लेना चाहिए था, पर पद प्राप्त होने के बाद जो स्थितियां बनती हैं और पद जाने के बाद जो परिस्थितियां बनती हैं, उसका इन दोनों को अनुमान हैं, इसलिए वे खुद से अलग होना नहीं चाहते।

हालांकि इस मुद्दे पर जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय ने जो ट्विट किया हैं, वो सब कुछ कह दे रहा है कि ऐसे मुद्दे पर मुख्यमंत्री को क्या करना चाहिए। सरयू राय का ट्विट देखिये – “मुख्यमंत्री पद की गरिमा, संवैधानिक मर्यादा एवं स्वस्थ परम्परा के दृष्टिकोण से विनम्र सुझाव है कि माननीय मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हिरासत में लेने और प्रेस सलाहकार को समन करने से उत्पन्न परिस्थिति के बारे में हेमन्त सोरेन स्थिति स्पष्ट करें।”

ये तो रही वो बातें, जो हर व्यक्ति कहेगा, जिसे भारतीय संविधान पर आस्था है, पर जिसे भारतीय संविधान पर कभी आस्था ही नहीं रही, जिसका ध्येय ही रहा कि सत्ता सुख का येन-केन प्रकारेण उपभोग करना, तो उससे इन सारी बातों के लिए आशा रखना, अपने आप में बेमानी है। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा में ऐसे कई नेता-कार्यकर्ता हैं, जो इन बातों को लेकर खुश है कि ईडी ने प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू को बुला ही लिया। अब उनकी जिज्ञासा इस बात को लेकर हैं कि एक अगस्त को पिंटू के साथ क्या होगा?

ज्यादातर झामुमो नेता व कार्यकर्ताओं का कहना है कि सत्ता मिलने के बाद, अगर किसी ने सत्ता का सर्वाधिक दुरुपयोग किया तो वो मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का प्रेस सलाहकार पिंटू ही रहा। ज्यादातर ये झामुमो कार्यकर्ता अपना नाम बदल-बदल कर सोशल साइट पर अपनी खुशियां व्यक्त कर रहे हैं और एक दूसरे को मिलने पर बधाई भी दे रहे हैं, कह रहे हैं, अभी अच्छा हुआ है, आनेवाले समय में भी अच्छा होगा।