अपनी बात

इरफान, राजेश और नमन से भी ज्यादा भोले हैं जयमंगल, घटना-घटने के बाद याद आया इन तीनों ने इन्हें दिया था दस करोड़ व मंत्री पद का लालच

बड़े भोले हैं, कांग्रेस पार्टी के एकमात्र बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह, ये इतने भोले हैं कि इनको घटना घटने के बाद ये याद आती हैं कि बंगाल में जो कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोन्गाड़ी जो पांच-पांच सौ रुपये के नोटों के बंडल के साथ पकड़े गये हैं, इन सब ने इन्हें यानी अनूप सिंह को भी दस करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर दिया था, और ये इसकी सूचना देते हुए रांची के अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करा देते हैं।

यही नहीं जनाबे आली ने प्राथमिकी जो अंग्रेजी भाषा में लिखी हुई है, उसमें यह भी लिखा है कि राजेश कच्छप और विक्सल कोन्गाड़ी इन्हें कोलकाता बुलाकर प्रति विधायक दस करोड़ रुपये देने की बात भी कह रहे थे। यहीं नहीं, इन्होंने यह भी लिख दिया कि ये सब गुवाहाटी ले जाकर उन्हें असम के मुख्यमंत्री हेमन्त बिस्वा सरमा से मिलवानेवाले भी थे।

आगे खुद को राजनीति का महान संत बताने के लिए उन्होंने उन सारे शब्दों का भी अपने लिए प्रयोग किया, जिसे पढ़कर आप हैरान रह जायेंगे, जैसे कि वे असंवैधानिक, अवैध और सर्वथा अपराधिक गतिविधियों में भाग लेना नहीं चाहते, इसलिए इन तीनों पर कानूनी कार्रवाई करें, यही नहीं कुमार जयमंगल ने यहां तक थाना प्रभारी को बता दिया कि इन पर कौन सी धारा लगानी है।

भाई कुमार जयमंगल जी, सचमुच आप महान है, आप तो दानी भी हैं, कोरोनाकाल में पत्रकारों पर दया करते हुए पांच लाख रुपये भी आपने रांची प्रेस क्लब को मुख्यमंत्री के माध्यम से दिये थे, सचमुच आप महान है, पर आपकी महानता पर अब मुझे शत प्रतिशत संदेह नजर आ रहा है, वो इसलिए कि जब इरफान अंसारी ने आपको मंत्री पद देने और दस करोड़ रुपये देने की लालच दी, तो आप उसी समय अरगोड़ा थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई?

आप कोलकाता पुलिस द्वारा ये तीनों विधायकों के पकड़े जाने का इंतजार क्यों कर रहे थे? इसका मतलब है कि आप वर्तमान समय का फायदा उठाना चाहते हैं, आप दिल्ली से लेकर रांची तक के प्रमुख कांग्रेसियों और झामुमो सुप्रीमो की नजरों में महानायक बनना चाहते हैं, क्या कांग्रेस के नेता या राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन इतने भोले हैं कि आपके इन बातों में आकर आपकी जय-जयकार करने लगेंगे या आप बतायेंगे कि किसके इशारे पर या किसके कहने पर आपने आनन-फानन में अरगोड़ा थाने में विधायक इरफान, विक्सल और राजेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा दी।

आप माननीय जनता को इतना बेवकूफ क्यों समझते हैं, जनता जितना इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोन्गाड़ी को जानती हैं, ठीक उसी प्रकार कांग्रेस, झामुमो और भाजपा के अंदर बैठे खुद को मठाधीश समझनेवाले माननीयों और उनके नेताओं को खुब जानती और पहचानती है। आपने लगता है कि वो फिल्म रोटी का गाना आपने नहीं सुना क्या? वो राजेश खन्ना और मुमताज वाली फिल्म रोटी। गाना था – “ये जो पब्लिक हैं, सब जानती है, पब्लिक है, अजी अंदर क्या है? अजी बाहर क्या है? अंदर क्या है, बाहर क्या है, ये सब कुछ पहचानती है, पब्लिक है ये सब जानती है…”

अरे कहनेवाले तो ये भी कह रहे है कि मात्र 48 लाख रुपये ही इनकी गाड़ियों से मिले हैं और 48 लाख रुपये जैसे मामूली रकम में झारखण्ड के माननीय तो घास तक न डालें, अपना ईमान क्या बेचेंगे, ईमान बेचने व खरीदने के लिए तो अब करोड़ों से आगे की बात करनी पड़ती है। खैर, इस राज्य का दुर्भाग्य है, सरकार किसी की भी हो, जनता को हमेशा सीता की तरह आग में जलते रहना है, परीक्षा जनता को ही देना है।

आप सभी इक्जामिनेशन लेते रहिए और जो मन में आये करते रहिये, प्राथमिकी दर्ज करते/कराते रहिये और खुद को जय-जय कराते रहिए, ऐसे भी आप जयमंगल जो ठहरें। इधर अद्यतन रिपोर्ट यह है कि झारखण्ड काग्रेस के तीनों एमएलए इरफान, नमन और राजेश समेत पांच आरोपियों को हावड़ा कोर्ट ने दस दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि इस पूरे मामले की जांच सीआईडी को दे दिया गया है।