झारखण्ड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव की गिरफ्तारी से दुखी भाजपा नेताओं ने इसे लोकतंत्र और संविधान की हत्या करार दिया
भारतीय जनता पार्टी झारखण्ड प्रदेश के दो बड़े प्रदेशस्तरीय नेता, एक दीपक प्रकाश और दूसरे बाबू लाल मरांडी, झारखण्ड हाई कोर्ट व जनहित याचिका में माहिर अधिवक्ता राजीव कुमार की कोलकाता पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी से बहुत ही अधिक मर्माहत हैं, इन दोनों नेताओं ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए हेमन्त सरकार पर गंभीर टिप्पणियां की है।
दूसरी ओर राजीव कुमार की गिरफ्तारी को लेकर आज झारखण्ड हाई कोर्ट में भारी गहमागहमी रही। अधिवक्ताओं ने काम बंद रखा, हालांकि कल अधिवक्ता अपना काम करेंगे। कल ही राजीव कुमार को लेकर झारखण्ड हाई कोर्ट में हैवियस कॉर्पस मामले पर सुनवाई होगी। फिलहाल सभी की नजर कल की झारखण्ड हाई कोर्ट में होनेवाली सुनवाई पर है।
इधर झारखण्ड विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी ने ट्विवट पर लिखा है कि “अधिवक्ता राजीव कुमार झारखण्ड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, उनके परिवार और शागिर्दों के खिलाफ केस लड़ रहे थे। राजीव कुमार की कोलकाता पुलिस ने जिस प्रकार सक्रियता से गिरफ्तारी की है, उससे मामला गंभीर लगता है। सुनियोजित षडयंत्र के आरोप भी लग रहे हैं। बाबू लाल मरांडी ने प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आग्रह किया है कि वे इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दें।”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि जो व्यक्ति झारखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायेगा, लड़ाई लड़ेगा, वह हेमंत सरकार के षड्यंत्र का शिकार होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार लगातार झारखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार,खनिज की लूट आदि मामलों में कानूनी ढंग से लड़ाई लड़ रहे है।
उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में सरकार को न्यायालय में कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में अधिवक्ता राजीव कुमार की कोलकाता में गिरफ्तारी राज्य सरकार की गहरी साजिश है। इससे यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार को दबाने और विरोधियों को झूठे तरीके से फंसाने के मामले में पश्चिम बंगाल और झारखंड की सरकार की साठगांठ जगजाहिर है। उन्होंने कहा कि राजीव कुमार की गिरफ्तारी लोकतंत्र और संविधान की हत्या है।