व्यवहार और कार्य से परिवार सामंती विचारधारा, हृदय लगाकर सुनिये, श्री श्री 108 शिबू सोरेन सम्पति कथा – बाबूलाल मरांडी
भाजपा विधायक दल के नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय स्थित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में प्रेस को सम्बोधित करते हुए शिबू सोरेन परिवार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने आज सोरेन परिवार की कथनी और करनी पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि सोरेन परिवार पर जब कभी भी संकट आता है तो ये लोग आदिवासी का विक्टिम कार्ड खेलते हैं।
अगर सम्पति की जांच हो तो अकूत सम्पति मिलेगी
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अभी हाल ही में लोकपाल की अदालत से शिबू सोरेन जांच मामले को कुछ दिनों के लिए स्टे किये जाने के बाद से कई न्यूज़ चैनलों, समाचार पत्रों एवम सोशल मीडिया पर शिबू सोरेन परिवार को मिली राहत जैसी भ्रामक खबर फैल रही है। उन्होंने कहा कि सोरेन परिवार ने अभी तक 33 सम्पति की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट तथा चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामा में घोषणा की है।
लेकिन जो कागजात और सबूत उनके पास है, उसके अनुसार 108 सम्पति इस परिवार के नाम से है। जो लगभग 250 करोड़ की है। इनकी सम्पति रांची से लेकर दुमका, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक मे फैली हुई हैं। अगर अच्छी तरह से जांच हुई तो और सम्पति का खुलासा हो सकता है। लेकिन ये लोग जांच कराने से भाग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के बड़े बड़े वकील को ये हायर करते हैं ताकि ये केस की जांच से बच सके। उन्होंने कहा कि अगर सोरेन परिवार इतना ईमानदार है तो फिर जांच कराने से बचना क्यों चाहता है। जांच होने दें, अपने आप ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
क्या झारखंड का कोई आदिवासी इतने महंगे वकील हायर कर सकता है?
श्री मरांडी ने कहा कि ये आदिवासी का आवरण ओढ़ कर विक्टिम कार्ड खेलते है और बचने की कोशिश करते हैं। लेकिन सोरेन परिवार के पास इतनी अकूत सम्पति है कि उसके बल पर ये हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बड़े बड़े वकील हायर करते हैं। जिनकी इतनी फीस है कि उतने बड़े वकील को कोई भी झारखंड का आदिवासी हायर नही कर सकता। ये आदिवासी का कार्ड खेलते हैं लेकिन व्यवहार से ये सामंतवादी विचारधारा के हैं।
सोरेन परिवार का नाम सम्पत्ति मामले में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होनी चाहिए
बाबूलाल मरांडी ने शिबू सोरेन की सम्पति की दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि शिबू सोरेन तथा हेमन्त सोरेन के परिवार ने आज जितनी सम्पति का साम्राज्य 10 से 12 सालों में इक्कठा की हैं। उसके अनुसार इस परिवार का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने इनकम टैक्स और चुनाव आयोग को सम्पति का जो ब्यौरा दिया है, वो है मात्र दो करोड़ की, जबकि सीबीआई के पास जो जानकारी है उसके अनुसार वह सम्पति लगभग 250 करोड़ की है। यह किसी भी आम नागरिक के लिए सम्भव नही है, कि इतनी सम्पति इतने कम समय मे कोई इक्ट्ठी कर लें।
राज्य की जनता को जानने का हक है कि उनका मुखिया किसके लिये काम कर रहा है?
एक सवाल के जबाब में श्री मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र में यह जरूरी है कि राज्य की जनता को यह जानना चाहिए कि जिसको उनलोगों ने मुख्यमंत्री के पद पर बैठाया है वह किसके लिए काम कर रहे है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या वे राज्य की जनता के लिए काम कर रहे है या सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार के लिए काम कर रहे है।
यहां के आदिवासी परिवार के पास दो कट्ठा जमीन नहीं है। प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए। अगर वे गैर मजरुआ भूमि पर झोपड़ी बना कर रहे हैं, उस पर भी यह सरकार बुलडोज़र चला कर ढाह दे रही है और उन्हें बेघर करके दर दर भटकने के लिए विवश कर रही है। इस सरकार में इतनी भी मानवता नही है कि वैसे गरीब परिवार को दो चार कट्ठा जमीन देकर उन्हें कहीं बसाएं। उन्होंने कहा कि सोरेन परिवार सिर्फ और सिर्फ राज्य को लूटने का काम किया है। इस राज्य को लूट कर अकूत सम्पति का साम्राज्य खड़ा किया है। प्रेस वार्ता में प्रदेश के प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा तथा प्रदेश के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।