कुणाल षाड़ंगी की पहल रंग लाई, छठ से जमशेदपुर से कोलकाता और भुवनेश्वर के लिए हवाई यात्रा होगी शुरु
भाजपा झारखंड के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने छठ पूजा से जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से कोलकाता और भुवनेश्वर के लिए छोटी विमान सेवा शुरु करने को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार जताया है। शुक्रवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि देवघर एयरपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय मंत्री को उन्होंने मांग पत्र सौंपा था।
जिसमें मांग की गयी थी कि जब तक बड़ा हवाई अड्डा नहीं बन जाता तब तक ‘उड़ान’ योजना के तहत छोटे उड़ानों को सोनारी एयरपोर्ट से अविलंब शुरू किया जाए ताकि जमशेदपुर की कनेक्टिविटी एयर सर्विस को लेकर जीरो से कम से कम एक कदम आग बढ़े। उपरोक्त मांग पत्र में बताया गया था कि जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक राजधानी है जिसका वर्तमान वैश्वीकरण के युग में व्यवसायिक हवाई सेवा से जुड़ना नितांत आवश्यक है।
जमशेदपुर के सोनारी एय़रपोर्ट का क्षेत्रफल 25 एकड़ में फैला हुआ है जहां 2009 में किंगफिशर और एमडीएलआर कंपनियां ने व्यवसायिक हवाई सेवा शुरू की थी। यात्रियों की संख्या अच्छी खासी होने पर भी किसी कारणवश यह सेवा बंद हो गई। वर्ष 2012 में जमशेदपुर के निकट गम्हरिया और 2019 में धालभूमगढ़ में हवाई अड्डा बनाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ एमओयू किया गया था।
लेकिन ज़मीनी धरातल पर यह अब तक उतर नहीं सका है। मांगपत्र में मंत्री से निवेदन किया गया था कि जब तक एक बड़ा हवाई अड्डा नहीं बनता तब तक ‘उड़ान’ योजना के तहत छोटी हवाई सेवा सोनारी एयरपोर्ट से तत्काल शुरू की जाए। तब केन्द्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया था कि जल्द ही इसको लेकर पहल होगी।
कुणाल ने कहा कि आज जब ये घोषणा हो गई है कि महापर्व छठ पूजा से कोलकाता औऱ भुवनेश्वर के लिए 9 सीटर कमर्शियल विमान सेवा शुरू होगी तो इसे आगे आनेवाले समय का आगाज़ ही समझा जाए। आज छोटी है तो कल बड़ी होगी। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां राज्य सरकार जमशेदपुर में एयरपोर्ट को लेकर उदासीन बनी हुई है। तो वहीं, केन्द्र सरकार की त्वरित पहल पर मौजूदा सोनारी एयरपोर्ट के बेहतर इस्तेमाल की पहल हुई है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड सरकार से मांग करते हुए कहा कि एलीफैंट कोरीडोर या अन्य वजहों से धालभूमगढ़ एयरपोर्ट में आ रही अड़चनों को दूर करे या वह बड़े एयरपोर्ट के लिए ईमानदारी के साथ वैकल्पिक जगह की तलाश कर एयरपोर्ट के सपने को अमली जामा पहनाएं। एक बड़ा एय़रपोर्ट जनता की मांग होने के साथ साथ उसका हक भी है क्योंकि रांची एयरपोर्ट के अगर आंकड़े उठा लें तो जमशेदपुर के ही यात्री ज्यादा मिलेंगे। कुणाल ने कहा कि झारखंड की औद्योगिक राजधानी होने के नाते जमशेदपुर को उसका हक मिले इसकी पहल राज्य सरकार को भी गंभीरता से करनी चाहिए।