‘जिसकी लाठी उसकी भैस’ जैसी सोच रखनेवाली देश में सरकार नहीं, बल्कि कानून का राज स्थापित करनेवाली सरकार चाहिए -1
2024 में जब कभी लोकसभा के चुनाव होंगे, तो उस चुनाव में भारतीय जनता को इस बात के लिए भी वोट करना होगा कि इस देश में गुंडों/असामाजिक तत्वों/जनता को लूटनेवाले/जनविरोधी कार्य को समर्थन देनेवालें अथवा जन-विरोधी कार्यों में लिप्त रहनेवालों को जनता अपना सिरमौर्य बनायेगी या ऐसे लोगों को दंडित करनेवाले अथवा कानून का शासन स्थापित करनेवालों को जनता सत्ता में लायेगी।
अगला चुनाव वोट बनाम कानून का ही होगा, क्योंकि गुंडों/असामाजिक तत्वों/जनता को लूटनेवाले/जनविरोधी कार्य को समर्थन देनेवालें अथवा जन-विरोधी कार्यों में लिप्त रहनेवालों की फिलहाल नींद उड़ी हुई है, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय/सीबीआई/आयकर विभाग जैसी कई राष्ट्रीय एजेंसियों ने उन लोगों की नींदें उड़ा दी हैं, जो देश को तोड़ने में लगे थे, देश को लूटने में लगे थे।
आजकल इन एजेंसियों द्वारा देश के लूटेरे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही हैं तो एक कॉमन संवाद देश की विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा बार-बार उठा दी जाती है, कि वर्तमान सरकार देश की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही हैं, और वो इसका इस्तेमाल विपक्ष के आवाज को दबाने के लिए कर रही हैं, अब सवाल उठता है कि क्या यह पहली बार हो रहा है? क्या इसका दुरुपयोग पूर्व की केन्द्र सरकारों ने नहीं किया?
क्या देश में आनेवाली नई सरकार को ये अधिकार दे दिये जाये कि वे पूर्ववर्ती सरकारों में हुए कार्यों में हुए गोरखधंधे की लीपापोती कर दें ताकि जब उसे कभी विपक्ष में बैठना पड़े, तो जो नई सरकार आये, वो उनके गलत कार्यों की लीपापोती कर दें, उस बोफोर्स घोटाले की तरह, जिस पर अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी कृपा दृष्टि फैला दी थी।
अगर ऐसा होता रहा तो क्या कभी देश अपने पैरों पर खड़ा होगा, कभी हम अपने पड़ोसी देश चीन के सामने खड़े हो पायेंगे, क्या हम यही चाहते है कि हमारी हालत भी पाकिस्तान जैसे देश की तरह हो जाये, नहीं ऐसा कोई भारतीय नहीं चाहेगा, तो फिर ये हर भारतीयों को संकल्प लेना पड़ेगा कि वो हर हालत में कानून का राज स्थापित करनेवालों को सत्ता सौंपे। आखिर जो घोटाले किये हैं, उन्हें क्यों नहीं जेल जाना चाहिए, उन्हें उनके किये की सजा क्यों नहीं मिलनी चाहिए, वो सिर्फ इसलिए कि वे नेता हैं, वे किसी राष्ट्रीय दल के अध्यक्ष है।
भाई, अगर आपको लगता है कि केन्द्र की सरकार विपक्षियों के खिलाफ एजेंसियों को इस्तेमाल कर रही हैं तो फिर आपके खिलाफ दस्तावेज कैसे उपलब्ध हो जा रहे हैं? क्या आपने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को जेल भेजने के लिए अपनी सरकार में दिमाग नहीं लगाया था? क्या इन्हें बदनाम करने के लिए मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया था? क्या गुजरात में हर विधानसभा चुनाव में एक ही मुद्दा को उठाने के लिए एक चैनल को हायर नहीं किया था? मतलब आप करो, तो सही और दूसरा सत्य भी करें तो आरोप लगा दो कि केन्द्र विपक्ष के आवाज को दबाने में लगी हैं। क्या आपने अपने शासनकाल में एक झूठे आरोप में हिन्दूओं के धर्मगुरु जगदगुरु शंकराचार्य को जेल नहीं भिजवाया था?
अरे भाई, आप जब इतने ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, देशभक्त है, तो भारत की जनता पर आप विश्वास क्यों नहीं करते? आप भारतीय न्यायपालिका पर विश्वास क्यों नहीं करते? आप ईमानदार हैं तो आराम से बचकर निकल जायेंगे, पर आप तो सीधे-सीधे पकड़ में आ जा रहे हैं और ये सरकार जब तक रहेगी, आपको छोड़ेंगी नहीं, क्योंकि फिलहाल तो ऐसा आदमी प्रधानमंत्री पद पर बैठा है कि वो आपको छोड़ेगा नहीं, और तब तक नहीं छोड़ेगा, जब तक उसे जनता का आशीर्वाद प्राप्त है। (जारी)