निशिकांत के हस्तक्षेप याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश, 10 नवम्बर को होगी सुनवाई, लोकपाल मामले में शिबू सोरेन की मुश्किलें बढ़नी तय
लोकपाल मामले में स्थगन के विरूद्ध निशिकांत दूबे की हस्तक्षेप याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में 10 नवम्बर को सुनवाई होगी। इस बीच हाईकोर्ट ने लोकपाल और शिबू सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। दिल्ली हाई कोर्ट के इस आदेश से शिबू सोरेन की मुश्किलें बढ़नी तय है, क्योंकि इस मामले को लेकर लोकपाल और निशिकांत दूबे ने पहले ही बात बता दी थी कि जो बाते शिबू सोरेन के वकील द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट को पूर्व में बताई गई थी, वो पूर्णतः झूठ हैं, जिसे लेकर निशिकांत दूबे ने हस्तक्षेप याचिका दायर की थी, जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आज सुनवाई की और दस नवम्बर का डेट तय कर दिया।
उल्लेखनीय है कि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल में चल रहे केस संख्या 38/2020 में दिल्ली हाईकोर्ट से जारी स्थगन आदेश मामले के बाद लोकपाल ने भाजपा सांसद निशिकांत दूबे को जो पत्र जारी कर सूचना दी थी। वो चौकानेवाला था। जिसमें नई बातें आ रही थी। जिस मामले को लेकर शिकायतकर्ता भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने दिल्ली हाईकोर्ट से मिले स्थगन आदेश को निरस्त कराने के अनुरोध के साथ हस्तक्षेप याचिका दायर कर सुनवाई का आग्रह कर डाला था।
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक़ शिबू सोरेन के वकील की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट को बताया गया था कि इस मामले में लोकपाल और निशिकांत दूबे को अग्रिम सूचना दी गई है, लेकिन उन दोनों की तरफ़ से कोई कोर्ट में पेश नहीं हुआ है। कोर्ट ने इसके बाद स्थगन आदेश दे दिया और 14 दिसम्बर को अगली सुनवाई की तारीख़ तय कर दी थी।
जब लोकपाल ने निशिकांत दूबे को भेजी जानकारी में कहा है कि उन्हें 12 सितम्बर 11.30 बजे इसी मामले को लेकर एक अधिवक्ता ने मेल कर बताया कि हाईकोर्ट ने इस मामले में स्थगन आदेश दिया है और आपको नोटिस जारी किया है। फिर 13 सितम्बर को हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी भेजी गयी थी। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे का कहना था कि उन्हें इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश की सूचना समाचार माध्यम से मिली। इससे पहले उन्हें या लोकपाल को भी कोई अग्रिम जानकारी नहीं मिली थी ताकि वे 12 सितम्बर को अपना पक्ष रख सकें। इसे लेकर उस वक्त उन्हें एक ट्विट भी जारी किया था।
भाजपा सांसद निशिकांत दूबे का उस वक्त कहना था कि इसका मतलब है यह तथ्य को छिपाकर एवं सूचना दिये जाने की झूठी जानकारी अदालत को देकर, अदालत को गुमराह करने का काम किया गया है। इसीलिये वे आदेश निरस्त कराने की गुहार लेकर हस्तक्षेप याचिका दायर किये हैं।
इसके बाद निशिकांत दूबे ने हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर आरोप लगाया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी वादी शिबू सोरेन के अधिवक्ता की ओर से नहीं दिया गया था। हस्तक्षेप याचिका में कहा गया कि सूचना दिये जाने की ग़लत जानकारी देकर लिये गये स्थगन आदेश को वापस लिया जाय। कल इस मामले में निशिकांत दूबे के अधिवक्ता की ओर से सुनवाई के लिये मेंशन करने पर न्यायालय में आज इस पर सुनवाई हुई और इस मामले पर सुनवाई के लिए 10 नवम्बर डेट तय की गई।