मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना में 17 नई बीमारियों को जोड़ने पर भी नहीं मिल रहा था मरीजों को लाभ, कुणाल ने की पहल, मरीजों को मिला लाभ
स्वास्थ्य विभाग के आर्टिकल 39 ए के अनुसार मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत पहले सूचीबद्ध अस्पतालों में कैंसर, किडनी प्रत्यारोपण, गंभीर लीवर रोग और एसिड अटैक का ही इलाज किया जाता था। अब इसमें 17 अन्य बीमारियों को सरकार द्वारा जोड़ लिया गया है। लेकिन कैबिनेट से पास होने के बावजूद विभागीय नए नियम और एमओयू से संबंधित पत्र जारी नहीं होने के कारण जोड़ी गई बीमारियों का इलाज सूचीबद्ध हॉस्पीटल नहीं कर पा रहे थे।
इसका पता झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता सह नाम्या फाउंडेशन के संस्थापक कुणाल षाड़ंगी को तब चला जब भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल में इलाजरत करनडीह निवासी ब्रेन हेम्रेज के रोगी श्रीनिवास साहू के परिजनों ने नाम्या फाउंडेशन के सदस्यों निधि केडिया और सुमंता होता से मदद मांगी। दरअसल जब नाम्या फाउंडेशन के सदस्य श्रीनिवास साहू की बीमारी का इलाज करवाने के लिए सूचीबद्ध अस्पताल पहुंचे तो ड़ॉक्टरों ने एमओयू नहीं होने की वजह से सरकारी खर्च पर इलाज का खर्च उठाने में असमर्थता जताई। तब सदस्यों ने इसकी जानकारी कुणाल षाड़ंगी को दी।
कुणाल षाड़ंगी ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरूण कुमार सिंह से इस संबंध में फोन पर बातचीत की। अरूण कुमार सिंह तुंरत एक्शन में आए और स्वास्थ्य विभाग को आर्टिकल 39 ए के तहत 17 नई बीमारियों को जोड़ने संबंधी आदेश और उससे संबंधित एमओयू की चिट्ठी जारी करते हुए उसे सभी जिलों में भेजने के आदेश दिए।
इससे भुवनेश्वर के अपोलो में इलाजरत श्रीनिवास साहू को आर्थिक रूप से मदद मिली। इलाज का उनका बिल 5 लाख 8 हजार था जिसमें से 3 लाख 30 हजार 100 रूपये मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सरकार से मिले। उनके परिजनों ने किसी तरह 55 हजार जमा करवाया था। बाकी देने में असमर्थ थे तो कुणाल षाड़ंगी ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन से बातचीत करके 1 लाख 22 हजार 900 का बिल माफ करवाकर श्रीनिवास साहू को अस्पताल से छुट्टी दिलवा दी। दुर्भाग्यवश देर रात भुवनेश्वर से जमशेदपुर आने के क्रम में उड़ीसा-झारखंड सीमा पर एंबुलेंस में ही उनका निधन हो गया। उनकी मौत पर कुणाल षाड़ंगी ने अफसोस जताया।
कुणाल षाड़ंगी ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरूण कुमार सिंह से इस बात के लिए आभार जताया है कि उन्होंने मामला संज्ञान में आते ही कैबिनेट के आदेश को धरातल पर उतारने के लिए लिखित आदेश जारी करवाए। अब जरूरतमंद मरीजों को सूचीबद्ध अस्पतालों में मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत पूरा लाभ मिल पाएगा।