राजनीति

झामुमो ने कहा ‘हम किसी के घुड़की से डरनेवाले नहीं, खनिज हमारा, ताकत हमारी और राजनीति फुटानी किसी की बर्दाश्त नहीं करेंगे’ ED व भाजपा के खिलाफ JMM की रैली कल रांची में

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्यपाल, प्रवर्तन निदेशालय, चुनाव आयोग के साथ-साथ केन्द्र सरकार को हड़काया, कहा उनकी पार्टी और उनके लोग किसी के घुड़की से डरनेवाली नहीं, खनिज हमारा, ताकत हमारी और राजनीति फुटानी वे किसी की बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जानती है कि राजनीतिक मुकाबला कैसे किया जाता है, बहुत दिनों से जो साजिश चली आ रही थी, वो साजिश अब खुलकर सामने आ गई है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज झामुमो के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करने के क्रम में उक्त बातें कही।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की मंशा ब्लैक व व्हाइट के रुप में अब सामने आ गई हैं, वो अब लड़ाई का रुप ले चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हेमन्त सोरेन डरनेवाले नहीं हैं। हमलोग लंबे संघर्ष के लिए तैयार हो रहे हैं। सुप्रियो ने भाजपाइयों को चुनौती दी कि वे भी इसके लिए तैयार रहे, सदन से लेकर सड़क तक उन्हें झामुमो कार्यकर्ता नजर आयेंगे। हमलोग जल्दी हार माननेवाले नहीं हैं, हम बतायेंगे भाजपाइयों को, कि उन्होंने गलत नंबर डायल कर दिया है।

सुप्रियो ने कहा कि 2019 में जो जनादेश हेमन्त सोरेन को मिला था, उसे प्रभावित करने का काम किया जा रहा हैं, अब ईडी का नया रुप देखने को मिला है। एक चुनी गई लोकतांत्रिक सरकार को कैसे प्रभावित किया जाये, कैसे उसे सत्ताच्युत किया जाय, इसकी नींव 2020 में डाली गई। चूंकि 2020 और 2021 कोरोना का साल रहा, लोग सांसों के लिए तरसते रहे, केन्द्र सरकार ने लोगों की सांसे छिनने के साथ साथ रोजगार भी छीना और जब फुर्सत मिल गया, तो पूरे राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों में चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का काम शुरु किया। जिसमें इस राज्य की हेमन्त सरकार भी शामिल है।

सुप्रियो ने कहा कि मनरेगा का घोटाले की जांच जो सीबीआई कर रही थी, उसको ईडी ने टेकऑफ किया और वो जांच ईडी का गठन का उद्देश्य था, जो इकोनामिक आफेन्स हैं वो न करके माइनिंग लीज पर आ गया। यह अजीब विडम्बना है। इसकी स्क्रिप्ट इस प्रकार से लिखी गई कि येन केन प्रकारेन जब राजनीतिक रुप से परास्त हो जाये, तो मोहरा बनाया गया, राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी कैडिंडेट को लाकर, बलि बनाया गया एक आदिवासी मुख्यमंत्री को, जिसके पीछे तमाम लोग लगाये गये। भाजपा नेताओं द्वारा कम्पलेन कराया गया। राज्यपाल के माध्यम से चुनाव आयोग को पत्र भेजा गया।

सुप्रियो ने राज्यपाल रमेश बैस पर आरोप लगाया कि वे भी राज्य सरकार को अस्थिर करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि रांची से दूर और नागपुर से नजदीक रायपुर में बैठकर राज्यपाल ने कहा कि अभी वे सेकेंड ओपिनियन ले रहे हैं। सुप्रियो ने कहा कि क्या हमलोग इतने मूर्ख है, क्या हम नहीं जानते कि सेकेंड ओपिनयन भी आयेगा तो क्या आयेगा? क्या कोई वकील और डाक्टर सेकेंड ओपिनियन में अपने मंतव्य को बदल देता हैं?

सुप्रियो ने कहा कि शुरु से ही इस हेमन्त सरकार को डिस्टर्ब करने में केन्द्र और भाजपा के लोग लगे हैं। राष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से एक माहौल तैयार करवाया गया कि मुख्यमंत्री बर्खास्त किये जा सकते हैं, सदस्यता रद्द की जा सकती है। सरकार कभी भी गिर सकती हैं और जब उसमें ये सफल नहीं हुए तो राज्यपाल का अब नया स्टैड सामने आ गया कि वे सेकेंड ओपिनियन ले रहे हैं। आखिर राज्यपाल का क्या काम है? लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर करना या उसे संरक्षण प्रदान करना। राज्यपाल का यह कहना कि एटम बम फूटेगा, इसका अभिप्राय क्या है? क्या वे बतायेंगे कि एटम बम क्या होता हैं?

इधर रांची के मोराबादी मैदान में प्रवर्तन निदेशालय और भाजपा के खिलाफ झामुमो ने कल रैली बुलाई है। जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी शामिल होंगे। राज्य भर से सभी कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। बताया जा रहा हैं कि चूंकि प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को खनन लीज मामले को लेकर समन जारी किया हैं, जिसमें कल यानी 3 नवम्बर को उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष अपनी बातें रखनी हैं, इसी बात को लेकर झामुमो के सभी नेता आक्रोशित हैं, जिसे वे रैली के माध्यम से अपने आक्रोश को प्रकट करेंगे।