राजनीति

झामुमो ने भी कस ली कमर, कहा हम भी सड़कों, रेल-पटरियों-हवाई अड्डों पर उतरेंगे, और झारखण्डी हितों को नुकसान पहुंचाने व साजिश रचनेवालों का मुंहतोड़ जवाब देंगे

भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी की आक्रामक राजनीति के जवाब में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने मोर्चा संभाल लिया है। झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन में कह डाला कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ऐसे किसी भी दल को परमिट नहीं देने जा रही, जो झारखण्ड के खिलाफ साजिश रच रहे हैं अथवा झारखण्डी हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने जमकर आज भड़ास निकाली और बाबू लाल मरांडी पर टूट पड़े। उन्होंने कहा कि दुमका उपचुनाव के बाद से ही बाबू लाल मरांडी हेमन्त सरकार को उखाड़ फेकने के लिए सक्रिय है पर जब सफलता नहीं मिल रही तो इनके लोग ईडी, आईटी, सीबीआई का बहाना बनाकर सरकार को गिराने में लगे हैं। सुप्रियो ने कहा कि जैसे इनलोगों ने महाराष्ट्र में ईडी द्वारा समन जारी करने की प्लानिंग के तहत भाया गुजरात असम होते हुए महाराष्ट्र की सत्ता हथिया ली, वैसा ही चाहते है कि झारखण्ड में भी हो जाये, जो संभव नहीं।

सुप्रियो ने कहा कि 2024 में जब झारखण्ड में चुनाव होंगे, उस चुनाव में भी झामुमो ही सत्ता में आयेगी और बाबू लाल मरांडी अपनी राजधनवार सीट भी बचा पायेंगे, इसकी संभावना हमें कम लगती है। सुप्रियो ने कहा कि ऐसे हालत में फिल्म निकाह के गीत – दिल के अरमां आसूओं में बह गये गाने के अलावे उनके पास कुछ नहीं होगा।

सुप्रियो ने कहा कि मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने इसी एक नवम्बर को चुनाव आयोग से पूछा था कि राज्यपाल एटम बम और दूसरे ओपनियन की बात करते है, उसमें सच्चाई क्या है? नैसर्गिक न्याय के तहत ये जरुरी है कि जो पहला ओपनियन हैं, वो हमें मिलना चाहिए, कही ऐसा न हो कोई भी असंवैधानिक कदम राज्यपाल उठा लें। हमने जवाब मांगा चार दिन हो गये अब तक जवाब नहीं मिला। रोज का ड्रामा चल रहा है, सरकार गांव-टोले तक जा रही है, लोगों से सीधा संवाद कर रही है, उनसे पूछ कर योजना बना रही है, ये भाजपा को अच्छा नहीं लग रहा।

सुप्रियो ने कहा कि बाबू लाल मरांडी कहते हैं कि आपको जांच से डर क्यों?, हमको जांच से कहां डर है, लेकिन एक प्रकिया तो होती है, हेमन्त सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री हैं, उनके कार्यक्रम तय है, उनके कार्यक्रम को आप कैसे रोक सकते हैं, यदि प्रधानमंत्री के लिए कार्यक्रम गुजरात के लिये तय थे, उसके लिए गुजरात का चुनाव रोका जा सकता है, तो सीएम के कार्यक्रम को भी आप अपहोल्ड नहीं कर सकते।

सुप्रियो ने कहा कि ये सीधा-सीधा इस राज्य में किसी तरह सरकार बन जाये, भले उसके लिए संविधान को तोड़-मोड़ कर भी रखा जाये, किसी भी जांच एजेंसियों को लगाया जाये, लेकिन सरकार बन जाये, उनकी मंशा बातों से स्पष्ट हो गई, लेकिन इतना आसान भी नहीं, लोकतंत्र में लज्जा तो उन्होंने त्याग दिया, आंकड़े कहां से लायेंगे, सरकार का बहुमत विधानसभा में तय होता है, 1932 पर घबरा से गये। ये सवाल क्यों आ गया। बाबू लाल डर रहे हैं, वे बोल रहे हैं, कि दस को बतायेंगे, सरना पर पूछा जाता है, चुप्पी लगा देते है, बात करते हैं झारखण्ड की।

सुप्रियो ने कहा कि सुदेश राज्यपाल से मिले 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर, दरअसल ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ लोगों को भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। खुद सत्ता मे थे, तो 27 प्रतिशत आरक्षण से 14 पर लाने का काम किया। आज 11 तारिख को जब इसी सवाल पर खतियान के सवाल पर पिछड़ा आरक्षण के सवाल पर जब बातें आयेंगी तो उसके लिए किस प्रकार से विचलित किया जाय, सरकार को लक्ष्य से हटाया जाय, उसकी साजिश चल रही हैं।

सुप्रियो ने कहा कि ये बहुत गंदा खेल है, और इस खेल का हम केवल मुकाबला नहीं कर रहे हैं, उनको परास्त भी कर रहे हैं, आज से सांमतवाद पथ पर जो भाजपा की जो नीतियां हैं, उसके खिलाफ राजनीतिक आंदोलन का आगाज हो गया, 24 जिलों में । हमारे महागठबंधन के नेता व कार्यकर्ता समर्थक से लेकर जनता आज सड़क पर आ गये, ये गांव टोले मुहल्ले में जायेंगे, जरुरत पड़ेगा तो रेल की पटरियों पर बैठेंगे, राष्ट्रीय राजमार्ग, हवाई अड्डे पर भी बैठेंगे। ऐसे किसी को परमिट नहीं देंगे, जो साजिश रचे, झारखण्डी हितों को नुकसान पहुंचायें।