राष्ट्रपति के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देनेवाले मंत्री अखिल गिरि को बर्खास्त करे ममता बनर्जी – अर्जुन मुंडा
प. बंगाल सरकार के एक मंत्री अखिल गिरि द्वारा देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर दिये गये आपत्तिजनक बयान पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने आज अपने दिल्ली स्थित आवास पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर ममता बनर्जी से अपने इस मंत्री को तुरन्त कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग भी कर डाली।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार में शामिल मंत्री अखिल गिरि द्वारा नंदी ग्राम में एक कार्यक्रम के दौरान देश की महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उपर की गई अभद्र टिप्पणी से देश व संविधान का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि अखिल गिरि की शर्मनाक टिप्पणी देश के सभी आदिवासी समाज और महिलाओं का अपमान है। यह शर्मनाक, निन्दनीय और अक्षम्य है। उक्त मंत्री के बयान से देश की छवि को गहरा धक्का लगा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार में शामिल मंत्री अखिल गिरि द्वारा देश की राष्ट्रपति हेतु दिये गये शर्मनाक बयान की कड़ी निन्दा करती है। उक्त मंत्री को अपने कृत्यों के लिए देश की जनता, राष्ट्रपति, आदिवासियों और महिलाओं से माफी मांगनी चाहिये। साथ ही मंत्री पद से बर्खास्त करते हुए विधायिकी से भी बर्खास्त कर देना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि प. बंगाल की मुख्यमत्री स्वयं एक महिला है, उनके सरकार का एक मंत्री खूलेआम जनजाति समाज की एक महिला राष्ट्रपति के ऊपर अभद्र टिप्पणी करता हैं, और वे इस मामले पर चुप है। ममता बनर्जी को इस पूरे मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद होता है।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश में लगभग साढ़े दस करोड़ लोग आदिवासी समुदाय से हैं। जनजाति समाज की महिला देश की सर्वोच्च पद को सुशोभित कर रही है। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि जनजाति समाज की प्रगति को तृणमूल कांग्रेस स्वीकार नहीं कर पा रही है। अखिल गिरि का दुर्भाग्यपूर्ण बयान और इस पर ममता बनर्जी की चुप्पी तृणमूल कांग्रेस के चरित्र और देश की जनजाति के प्रति उनकी दुर्भावना को दर्शाती है। प. बंगाल की सरकार देश के आदिवासी और प. बंगाल के आदिवासियों का भी शोषण करती रही है।
अर्जुन मुंडा का बयान है कि देश की राष्ट्रपति के खिलाफ दिया गया बयान समाज में अशांति फैलाने के उद्देश्य से किया गया है। प. बंगाल में शासन-प्रशासन सहित असामाजिक तत्व द्वारा भाजपा के कार्यकर्ताओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन इस बार अशांति फैलाने की भावना के साथ-साथ देश का भी अपमान किया गया है।
अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि यह केवल तृणमूल कांग्रेस की बात नहीं हैं, बल्कि जिस दिन से एक गरीब आदिवासी परिवार से आई हुई बेटी देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी है, उसी दिन से कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल उनका लगातार अपमान कर रहे हैं। ये वे पचा नहीं पा रहे हैं कि आखिर कैसे एक गरीब आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति पद पर आसीन हो सकती है?