अपनी बात

लक्षण ठीक नहीं दिख रहे भाजपा के, पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा ने अपने हजारों समर्थकों के साथ CM हेमन्त के समक्ष झामुमो का दामन थामा

विद्रोही24 बार-बार इस बात को कह रहा है कि भाजपा के लक्षण ठीक नहीं दिख रहे, क्योंकि भाजपा के अंदर ही भूकम्प हो रहा है, उसका नमूना आज देखने को मिल भी गया, जब भाजपा से पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा समेत अन्य नेताओं एवं हजारों कार्यकर्ताओं का समूह झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया। जिसका साक्ष्य देखने को मिला मुख्यमंत्री आवास परिसर में, जहां मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इन सभी का झामुमो में स्वागत किया।

विद्रोही24 के पास पक्के सबूत है कि जो लोग झामुमो को छोड़ भाजपा में गये हैं, वर्तमान स्थिति को देख वे भी जल्द झामुमो का दामन थाम लेंगे, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के साथ कुछ भी कर लें, पर ये सत्य है कि हेमन्त सोरेन का जनाधार बढ़ा है। उनके जनाधार बढ़ने से केवल भाजपा में ही नहीं, बल्कि अन्य दलो में भी सुगबुगाहट हो चुकी है।

जिसका परिणाम देर-सबेर निकलना सुनिश्चित है। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को भी इस बात का ऐहसास हो गया है कि बदले माहौल में जब कभी चुनाव होंगे, राज्य में उसकी स्थिति और मजबूत होगी, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय जितना हेमन्त सोरेन पर दबाव बनायेगा, झामुमो और उतना ही मजबूत होगी।

राजनीतिक पंडितो की मानें तो वे साफ कहते है कि आनेवाले समय में सीधी लड़ाई अब झामुमो-भाजपा में ही होगी। आदिवासियों-मूलवासियों, अल्पसंख्यकों की एक बड़ी तादाद झामुमो की ओर मुड़ी हैं, जबकि अन्य दलों से इन समूहों का मोहभंग हो गया है। आजसू तो वर्तमान में कही दिख ही नहीं रहा। ले-देकर चर्चा सिर्फ झामुमो और भाजपा का हैं, क्योंकि सत्ता में सबसे बड़ा दल झामुमो और विपक्ष में भाजपा है।

राजनीतिक पंडितों का ये भी कहना है कि वर्तमान में सत्तापक्ष की धुरी हेमन्त सोरेन बने हैं तो विपक्ष में बाबूलाल मरांडी। बाबू लाल मरांडी हालांकि आक्रामक रुख अपनाये हुए हैं, वही हेमन्त सोरेन भी अपने तरकस में कई तीर रखकर अपने विरोधियों को निशाने पर रखे हुए हैं। फिलहाल सबकी नजर कल यानी 17 नवम्बर पर हैं, क्योंकि कल मुख्यमंत्री रांची स्थित प्रवर्तन निदेशालय जायेंगे और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देंगे।