अपराध

राज्यपाल रमेश बैस ने RU की पूर्व प्रभारी VC डा. कामिनी कुमार को विभिन्न अनिमितताओं में दोषी पाया, 15 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने के आदेश किये जारी

राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस के समक्ष कुलपति, रांची विश्वविद्यालय, रांची डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने तत्कालीन प्रभारी कुलपति, रांची विश्वविद्यालय, रांची डॉ कामिनी कुमार के कार्यकाल में बरती गई विभिन्न अनियमितताओं के संदर्भ में ध्यान आकृष्ट कराया। जिस पर कुलाधिपति कार्यालय द्वारा समीक्षा की गई।

समीक्षोपरांत कुछ बिंदुओं पर प्रथम दृष्टया उन्हें दोषी पाया गया और इनकी तटस्थ जांच हेतु राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति द्वारा डॉ कामिनी कुमार को प्रशासनिक दृष्टिकोण से रांची विश्वविद्यालय से प्रतिकुलपति, कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा स्थानांतरित कर दिया गया। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति द्वारा निम्न अनियमितताओं/बिन्दुओं पर डॉ कामिनी कुमार, तत्कालीन प्रभारी कुलपति, रांची विश्वविद्यालय, रांची को स्पष्टीकरण 15 दिनों के अंदर समर्पित करने का निदेश दिया है-

  1. तत्कालीन कार्यवाहक कुलपति, रांची विश्वविद्यालय, रांची के पद पर रहते हुए वर्ग तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 36 कर्मियों को दिनांक 18.12.2021 को नियमित कर दिया गया। उक्त कार्य को किस आधार पर किया गया, यह स्पष्ट नहीं है। कार्यवाहक कुलपति को यह शक्तियाँ प्राप्त नहीं थी।
  2. प्राचार्य, रांची महिला महाविद्यालय से अवैध तरीके से भुगतान किये गए आवास भत्ते के वसुली हेतु दिनांक 06.04.2022 को कुलाधिपति कार्यालय द्वारा आदेश दिया गया था। उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया गया।
  3. रांची विश्वविद्यालय, रांची में 109 करोड़ रुपए राशि के वित्तीय अनियमितता के संबंध में निदेशक, उच्च शिक्षा द्वारा दिनांक 28.06.2021 को जाँच प्रतिवेदन के साथ कार्रवाई हेतु राज्यपाल सचिवालय को प्रेषित किया गया था। दिनांक 02.06.2022 को इस कार्यालय द्वारा तत्कालीन कुलपति, वित्तीय सलाहकार, वित्त पदाधिकारी एवं कुलसचिव के विरुद्ध आरोप पत्र गठित करने हेतु निदेशित किया गया था। उक्त विषयक संचिका कुलपति कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने की सूचना वर्तमान कुलपति द्वारा राज्यपाल सचिवालय को दी गई है। विश्वविद्यालय के संचिका के नोट-शीट से यह स्पष्ट होता है कि यह सम्पूर्ण विषय कुलपति के पूर्ण जानकारी में था, किन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि डॉ० कामिनी कुमार कुलपति के प्रभार में थीं।
  4. डॉ गौरी जिलानी की सेवा नियमितीकरण के प्रस्ताव पर प्रतिकुलपति-सह-स्क्रीनिंग समिति की अध्यक्ष के तौर पर दो माह में दो सम्पूर्ण विरोधाभासी तथ्य प्रेषित किये गए, जिस कारण निर्णय लेने में दुविधा की स्थिति उत्पन्न हुई। इस संबंध में भी स्थिति स्पष्ट करने हेतु निदेश दिया गया।
  5. दिनांक 20.06.2022 को नये कुलपति की नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने के पश्चात डॉ० कामिनी कुमार के द्वारा तत्कालीन कार्यवाहक कुलपति के तौर पर स्वयं हस्ताक्षर करते हुए एक एम०ओ०यू० विज्ञान प्रसार संस्थान के साथ किया गया। सामान्यतः विश्वविद्यालय के तरफ से यह कार्य कुलसचिव द्वारा किया जाता है, जो इस आशय में स्वतः कुलपति के तौर पर डॉ० कामिनी कुमार के द्वारा किया गया।

राज्यपाल-सह-कुलाधिपति द्वारा रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को यह भी निदेश दिया गया कि वे अन्य अनियमितताओं से संबंधित तथ्यों की भी गंभीरतापूर्वक समीक्षा करें तथा 109 करोड़ की संचिका खो जाने के मामले में दोषी पदाधिकारियों/कर्मियों के विरुद्ध अविलंब प्राथमिकी दर्ज करें।