राजनीति

सुप्रियो का बयान 2023 झामुमो व सरकार के लिए चुनौती भरा होगा, उन चुनौतियों का सामना करने के लिए झामुमो व हेमन्त सरकार अभी से तैयार

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का बयान, उनकी पार्टी व सरकार के लिए 2023 का साल बहुत बड़ी चुनौती के साथ, निर्णायक साल होने जा रहा है। हम मुसीबतों की ओर बढ़ रहे हैं, एक तो कोरोना हमारे सामने मुंह बाये खड़ा हैं तो दूसरी ओर हमें भाजपा के साजिशों का भी प्रहार सहना हैं और इन दोनों प्रहारों से हम दो-दो हाथ करने को अभी से तैयार है, हमारी पार्टी जो अभी तीन साल पूरे करने जा रही हैं, निश्चय ही यह अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेगी और आगे भी हम सत्ता संभालेंगे, इसमें कोई किन्तु-परन्तु नहीं है।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जांच एजेंसियों को अपने नियंत्रण में लेकर अपने राजनीतिक विरोधियो को पटखनी देने की जो योजना भाजपा ने पाल रखी हैं, हमारी उसी योजना पर पैनी नजर है। जिसका जवाब वे 1932 के खतियान, नियोजन नीति, 27 प्रतिशत आरक्षण, सरना धर्म लागू करने की अपनी नीति से दे रहे हैं। सुप्रियो ने कहा कि वे पूछना चाहते है कि जो भाजपा-आजसू वाले ओबीसी के आरक्षण पर चुनाव कराने की बात कह रहे थे, यूपी को योगी सरकार तो उसे लागू कर चुकी थी, आखिर यूपी के ही एक न्यायालय ने उसे खारिज क्यों कर दिया, अब भाजपा व आजसू के लोगों के इस मुद्दे पर मुंह बंद क्यों हैं?

सुप्रियो ने भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि आनेवाले समय में रामगढ़ में विधानसभा के उपचुनाव होनेवाले हैं। भाजपा को चाहिए कि इस चुनाव में अपने प्रत्याशी के तौर पर रघुवर दास को उम्मीदवार घोषित करें और उन्हें जीताने में जुट जाये। सुप्रियो ने कहा कि रामगढ़ विधानसभा के इस उपचुनाव में भी भाजपा और आजसू के लोग बुरी तरह परास्त होंगे, क्योंकि जनता का आशीर्वाद हेमन्त सरकार के साथ है।

सुप्रियो ने कहा कि तीन वर्ष पूर्व जिस हालात में हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंत्री पद को संभाला और जो समस्या रघुवर दास के द्वारा विरासत में मिली, फिर कोविड 19 के प्रभाव से दो सालों में जो इस राज्य ने झेले, उसके बाद भी हम आज बेहतर स्थिति में हैं, तो इसके लिए राज्य सरकार की प्रशंसा करनी होगी। हमने बहुत ही कम समय में कई लैंडमार्क/बेंचमार्क या मानक स्थापित किये हैं। जैसे 1932 का खतियान, 27 प्रतिशत आरक्षण, सरना धर्म, सर्वजन पेंशन योजना, ओपीएस को लागू करना, छोटे सिपाहियों की उनकी समस्या का समाधान करना कोई मजाक बात नहीं।

जिस रघुवर सरकार में एक भी जेपीएससी की परीक्षा नहीं हुई, वहां जेपीएसकी की परीक्षा आयोजित कर सैकड़ों बच्चों को नौकरी दिलवाना कोई सामान्य बात नहीं। आज कई खेल पदाधिकारियों व कृषि पदाधिकारियों की नियुक्तियां हेमन्त सरकार में ही हुई। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में अब तक कई उपचुनाव हुए, और उन सभी उप चुनावों में सत्तापक्ष को ही सफलता मिली आखिर ये सफलता क्या बताती है, ये भाजपाइयों को सोचना चाहिए।