राजनीति

अमित शाह ने किया राष्ट्रपति का अपमान, सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लें, भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखण्ड से साफ हो जायेगी – सुप्रियो

भाजपा हमेशा से आदिवासियों को कमोडिटीज के रुप में इस्तेमाल करती हैं, उन आदिवासियों को जिन्होंने अंग्रेजों-सामंतों से लोहा लिया। मैंने 6 जनवरी को ही कह दिया था कि दो दिसम्बर 2019 को जैसा चक्रधरपुर में हुआ, अमित शाह ने भाषण दिया और पुरे कोल्हान से भाजपा साफ हो गई, ठीक यही घटना की पुनरावृत्ति 7 जनवरी को होगी, अमित शाह चाईबासा में भाषण करेंगे और भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे झारखण्ड से साफ हो जायेगी। ये कहना है झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य की, जिन्होंने आज संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही।

सुप्रियो ने कहा कि दुनिया की सर्वोत्तम सेना में नाम भारतीय सेना का आता है। भारतीय सेना के सुप्रीम कमांडर भारत के राष्ट्रपति होते हैं। ऐसे में भारत के सैन्यध्यक्ष के बारे में कल अमित शाह के द्वारा जो बातें कही गई, वो बेहद शर्मनाक है। सुप्रियो ने कहा कि अमित शाह का ये कहना कि उन्होंने एक आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया, उसके पूर्व एक दलित को राष्ट्रपति बनाया, तो अमित शाह बताएं कि क्या राष्ट्रपति की नियुक्ति अनुकम्पा पर की गई है।

सुप्रियो ने कहा कि क्या अमित शाह को नहीं पता हमारी राष्ट्रपति देश के लगभग 150 करोड़ जनता की प्रतीक है, क्या राष्ट्राध्यक्ष की बहाली अनुकम्पा पर होती है? इसका जवाब झामुमो को चाहिए। क्या ऐसा कहकर अमित शाह ने महान काम किया है? उन्होंने कहा कि आज तक राष्ट्रपति के बारे में देश का अब तक किसी गृह मंत्री ने बयान जारी नहीं किया। यह शर्मनाक है।

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को इस बात पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए कि कैसे कोई कह सकता है कि हमारे राष्ट्रपति की नियुक्ति अनुकम्पा पर हुई। सुप्रियो ने कहा दरअसल उनका आठ साल का अहंकार कल सर चढ़कर बोल रहा था, अमित शाह स्वयं अपने दल के नेताओं के नाम तक भूल गये, दीपक को दीमक तक कह डाला, विधानसभा के चुनाव में हार का सामना करनेवाले रघुवर दास को नेता प्रतिपक्ष बता दिया।

र तो और यह भी कह दिया कि बाबू लाल जी उनके पास आये थे, कि आप सरकार गिरा दिजिये। उन्होंने कहा कि हम नहीं, इस सरकार को जनता गिरायेगी। सुप्रियो ने कहा कि जब ऐसी ही बात थी तो अमित शाह बताएं कि महाराष्ट्र, कर्नाटक व मध्यप्रदेश में कौन सी जनता ने सरकार गिराई? दरअसल यहां आप सके नहीं, जब आप सके नहीं, तब आप फंसे, अब आप कह रहे कि हम नहीं, जनता गिरायेगी।