अपनी बात

कितना अच्छा होता पत्रकार कला मंच की तरह, पत्रकार ढोल ताशा मंच आदि का भी गठन हो जाता…

सचमुच कितना अच्छा होता पत्रकार कला मंच की तरह, पत्रकार माटी कला मंच, पत्रकार सिलाई कलाकारी मंच, पत्रकार गायकी मंच, पत्रकार नेता निर्माण मंच, पत्रकार ढोल-ताशा मंच की भी स्थापना हो जाती और इस पेशा में आनेवाले पत्रकार लोग इस बैनर का फायदा उठाते हुए अपने पत्रकार समाज की बेहतरी कर रहे होते…

भाई जब से हमने पत्रकार कला मंच के बैनर तले पत्रकारों की कलाकारी देखी और अब तो भारतीय रिजर्व बैंक जैसी संस्थाएं इनसे सेवा लेने लगी और उनका मूल्याकंण करते हुए उन्हें आर्थिक फायदा भी पहुंचाने लगी तो हमें लगा कि इस ओर भी रांची प्रेस क्लब के लोगों/अधिकारियों को ध्यान जाना चाहिए, ताकि अगर कोई पत्रकार अन्य विधाओं में लिप्त हैं तो उसका हर प्रकार से दोहन होना ही चाहिए, ताकि सही मायनों में उसके अंदर सिंचित ऊर्जा का लाभ समाज को मिल सकें।

अब जरा देखिये, जब पत्रकार कला मंच के बैनर तले नौटंकी व नाटक का मंचन कर समाज में जागरुकता फैलाया जा रहा हैं तो हमारे देश में बहुत सारे ऐसे पत्रकार लोग हैं, जो मिट्टी की कला में दक्ष हैं। जो मिट्टी का घड़ा बनाकर गर्मी के दिनों में कई घरों की प्यास भी बुझा सकते हैं, मिट्टी के खिलौने आदि बनाकर बच्चों का मनोरंजन भी कर सकते हैं, तो क्यों नहीं पत्रकार मिट्टी के इस सौंदर्य को निखारने में अपनी भूमिका अदा करें। इससे पत्रकार खाली समय में अपनी कौशलता का परिचय देते हुए मल्टीपर्पस स्वयं को सिद्ध भी कर सकते हैं।

बहुत सारे ऐसे भी पत्रकार हैं, जो दर्जी का काम बखूबी जानते हैं, वे दर्जी का काम करते हुए, बेहतर सिलाई-कढ़ाई कर समाज को एक नई दिशा दे सकते हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, ऐसे भी पत्रकारिता में पैसों का अभाव होता हैं। मैंने महसूस किया है कि कई अखबार व चैनल के लोग ऐसे भी हैं जो काम कराकर पैसे भी नहीं देते, ऐसे में इस प्रकार के काम से उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी, क्योंकि कोरोनाकाल में लाइन में लगकर पांच किलो चावल लेने से अच्छा है, कि स्वयं को मजबूत किया जाये।

अगर आप साया-ब्लाऊज, पिको, सर्ट-पैंट, सलवार-समीज सिलाई करना जानते हैं तो इसमें कोई बुराई भी नहीं, इससे आपका भी भला होगा, और जो पत्रकार बंधु की संख्या कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रही हैं, उनके परिवार के बच्चों के कपड़ों की सिलाई भी आराम से हो जायेगी, इसमें कभी-कभी दस-बीस प्रतिशत छूट भी मिल जायेगी तो और बढ़ोत्तरी ही होगी।

कई पत्रकार ऐसे भी हैं, जो गाते बहुत अच्छा है, ठीक मो. रफी व किशोर कुमार की तरह, उनके लिए भी कुछ सोचा जाये। जैसे किसी पत्रकार के परिवार में शादी हो या मांगलिक कार्यक्रम हो तो उन्हें वहां फिट किया जा सकें और जो बाहर से कलाकार मंगायेंगे, उन्हें कहा जाये कि रांची प्रेस क्लब से जुड़े पत्रकार जो पत्रकार गायकी मंच से जुड़े हैं, सिर्फ उन्हें ही बुलाया जाय, ताकि उनकी कलाकारी का रसास्वादन सभी कर सकें।

इसी प्रकार बहुत सारे ऐसे भी पत्रकार है, जो अविवाहित हैं, वे कभी न कभी शादी करेंगे ही, उनके लिए भी आज से ही व्यवस्था लागू हो। जैसे जब उनकी शादी हो, तो पत्रकार ढोल-ताशा मंच की ओर से बारात की निःशुल्क व्यवस्था हो, ताकि पत्रकार जिसकी शादी हो रही हैं, उसे बारात के लिए अलग से कुछ विशेष व्यवस्था की जरुरत ही न हो। बंदा जिसकी बारात जा रही हैं, वो इतना खुश हो जाये कि घोड़े अथवा कार पर से उतरकर खुद भी ढोल ताशा में शामिल होकर गाना गाने लगे, उछल-कूद मचाने लगे।

सचमुच पत्रकार होते ही ऐसे है, दुनिया की सारी कलाकारी इनमें घुसी रहती हैं, वे समय-समय पर अपनी कलाकारी दुनिया को दिखाते रहते हैं। कभी-कभी बड़ी-बड़ी कंपनियों से बड़ी ही चतुराई से अपने लिए खेल की भी व्यवस्था करा लेते हैं। 22-22 की टीम भी बना लेते हैं। माल भी बटोर लेते हैं और जब खेलने की बारी आती हैं तो कई टीमों में से वे इस प्रकार से गायब हो जाते हैं, यह कहकर कि उन्हें एक समाचार के लिए एसाइनमेंट मिल गया था और कई तो अपनी बीमारी या परिवार की बीमारी का बहाना बनाकर खिसक जाते हैं, ऐसे लोगों को तो विशेष पुरस्कार से भी नवाजा जाना चाहिए, क्योंकि यहीं लोग तो असली में पत्रकारिता के गुढ़ गोपनीय रहस्यों का असली फायदा उठाते हैं।

ऐसे भी हमारे प्रधानमंत्री कौशल विकास की बार-बार बातें करते हैं तथा आत्मनिर्भर भारत की वकालत करते हैं, अगर रांची प्रेस क्लब इस ओर विशेष ध्यान दें तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को साकार कर सकते हैं अगर रांची प्रेस क्लब के अधिकारी इस ओर ध्यान देंगे तो निश्चय ही कभी न कभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को अपने ‘मन की बात’ में इस मुद्दे को जरुर उठायेंगे।

वो भी यह कहकर कि देखिये रांची में रांची प्रेस क्लब के सदस्यों ने कितना सुंदर कौशल विकास का काम किया है। उन्होंने पत्रकारिता को नई दिशा दी हैं। इसलिए सभी से अनुरोध है कि इस ओर सारे रांची प्रेस क्लब के अधिकारी विशेष रुप से ध्यान दें, ताकि रांची प्रेस क्लब दिनानुदिन प्रगति करता रहे। आप सभी को शुभकामनाएं।