दिग्विजय सिंह व मणिशंकर अय्यर जैसे घटिया सोच वाले कांग्रेसियों, जावेद अख्तर साहब से सीखो देशभक्ति क्या होती हैं?
भारतीय गीतकार जावेद अख्तर साहब का पाकिस्तानियों को पाकिस्तान में ही दिया गया माकूल जवाब सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो रहा हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में इनका वो वीडियो खुब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिन लोगों ने 26 नवम्बर 2008 को मुंबई पर हमला किया था, वे कोई नार्वे या इजिप्ट से नहीं आये थे, बल्कि आपके ही देश में वो भी आजाद घूम रहे हैं।
यही नहीं पाकिस्तान और भारत में क्या अंतर हैं, उसका बहुत खुबसूरत जवाब उन्होंने यह कहकर दिया कि भारत ने तो नुसरत और मेंहदी हसन के बहुत बड़े-बड़े फंक्शन किये, आप बताओ कि आपके यहां लता मंगेशकर के कितने फंक्शन हुए। सचमुच इस प्रकार का जवाब वो भी पाकिस्तान में देने का साहस जावेद अख्तर जैसे लोग ही कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास चरित्र हैं, नहीं तो कांग्रेसियों ने तो जो पाकिस्तान में जाकर गुल खिलाये हैं, वो सारा देश जानता है।
एक ओर जावेद अख्तर साहब ने क्लियर कर दिया कि भारत में मुंबई में हुई घटना का जिम्मेवार कौन हैं, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को तो इस घटना में आरएसएस का हाथ दिखाई देता था। यहीं नहीं कांग्रेस का ही एक नेता मणिशंकर अय्यर 2015 में पाकिस्तान जाकर पाकिस्तानियों से पीएम मोदी को हटाने के लिए सहयोग करने की बात कह दी थी।
लेकिन धन्य हैं भारत में रहनेवाले जावेद अख्तर जैसे लोग जो इनके कहने पर या पाकिस्तानियों के कहने पर किसे वोट देना हैं, वोट कास्ट नहीं करते। गर्व है, जावेद अख्तर साहब पर जिन्होंने भारत और भारतीयों का सम्मान पाकिस्तान में जाकर रखा और कह दिया कि भारत की जो सोच हैं वो इतनी दकियानुसी नहीं, जितनी कि पाकिस्तान की है।
जो लोग भारत जोड़ो यात्रा की बात करते हैं, उन कांग्रेसियों को इस पर भी निर्णय करना चाहिए कि आज भी उनके यहां दिग्विजय सिंह और मणिशंकर अय्यर जैसे लोग हैं, जो देश तोड़ने वाली बयान देने में महत्वपूर्ण भुमिका निभाते हैं, क्या ऐसे घटिया स्तर के कांग्रेसियों से भारत जुड़ेगा या भारत विध्वंस की ओर बढ़ेगा। जवाब तो राहुल, सोनिया, प्रियंका यानी एक ही परिवार के सभी सदस्यों को देना ही होगा, क्योंकि हमें नहीं लगता कि 2024 में कांग्रेस 100 सीट भी ला पायेंगी, क्योंकि हाथी के दांत दिखाने को कुछ और, और खाने के कुछ और होते हैं, यह भारत की जनता अच्छी तरह जानती है।