स्पीकर ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, भाजपा ने किया किनारा, कहा उन्हें सूचना नहीं थी, सत्ता को समर्थन दे रहे विधायकों ने दिया साथ
हेमन्त सोरेन सरकार की इस साल चौथा बजट सत्र है। चौथे बजट सत्र को देखते हुए झारखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने हमेशा की तरह एक सर्वदलीय बैठक अपने विधानसभा कक्ष में बुलाई थी, जिसमें हेमन्त सरकार को साथ दे रहे विभिन्न विधायक दलों के नेताओं ने तो भाग लिया, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल भाजपा और आजसू दोनों ने इस बैठक से किनारा कर लिया।
सर्वदलीय बैठक संपन्न होने के बाद स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि इस सर्वदलीय बैठक में प्रमुख विपक्षी दलों ने भाग नहीं लिया, इसका कारण क्या रहा वे जानें, उनकी सरकार इस बजट सत्र को बेहतर ढंग से चलाने में प्रमुख भूमिका निभायेगी।
इधर विद्रोही24 ने जब भाजपा के विधानसभा में मुख्य सचेतक विरंची नारायण से मोबाइल पर बातचीत की और पूछा कि आखिर उनके दल से किसी प्रतिनिधि ने भी भाग क्यों नहीं लिया, तो उनका कहना था कि उन्हें न तो विधानसभा से और न ही स्पीकर की ओर से इसकी कोई सूचना दी गई थी, ऐसे में सर्वदलीय बैठक में भाग लेने का सवाल कहां उठता है?
राजनीतिक पंडितों की मानें तो चूंकि भाजपा चाहती है कि उनके शीर्षस्थ नेता बाबूलाल मरांडी नेता विरोधी दल बनें, पर स्पीकर ने तीन साल बीत जाने के बावजूद इस पर कोई फैसला नहीं लिया और न ही नेता विरोधी दल का दर्जा दिया, जिसके कारण भाजपा के विधायकों का समूह स्पीकर से खफा रहा हैं, जिस कारण हमेशा की तरह इस बार भी सर्वदलीय बैठक से भाजपा ने खुद को अलग रखा।
इधर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने जो सर्वदलीय बैठक की विडियो जारी की हैं, उसमें केवल राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो, सरयू राय और भाकपा माले विधायक दल के नेता बिनोद कुमार सिंह ही सिर्फ दिखाई पड़ रहे हैं, जो बताता है कि चौथा बजट सत्र भी हंगामेदार रहेगा, जो झारखण्ड जैसे राज्यों के लिए शुभ संकेत नहीं है।