11 अप्रैल को हेमन्त सरकार के खिलाफ रांची में प्रदर्शन कर अपनी ताकत का अंदाजा लगायेगी भाजपा, कि वो झारखण्ड में कितने पानी में हैं?
आज भाजपा ने अपने प्रदेश अधिकारियों व विधायकों की एक विशेष बैठक प्रदेश कार्यालय में आयोजित की। जिसमें निकलकर ये आया कि भाजपा 11 अप्रैल को हेमन्त सरकार के खिलाफ एक प्रदर्शन करेगी और इस प्रदर्शन के माध्यम से वो इस बात को देखने का प्रयास करेगी कि वो झारखण्ड में कितने पानी में हैं, क्योंकि पिछले तीन साल से हेमन्त सरकार को हटाने के लिए कई पापड़ उसने बेले, पर उसे सफलता हाथ नहीं लगी हैं, इसलिए इस बार वो प्रदर्शन का सहारा ले रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं होनहार राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश की माने तो भाजपा कार्यकर्ता को अब चुनाव की तैयारी में जुट जाना चाहिए। सभी को अब अपने कार्यों की गति चौगुनी करनी है, पर वे ये बताना भूल गये कि वे और उनके नेता पूर्व में कब दोगुनी या तिगुनी प्रयास से हेमन्त सरकार के खिलाफ लड़े हैं कि इस बार वे चौगुनी प्रयास करने की बात कर रहे हैं, सच्चाई यह है कि भाजपा के सारे के सारे अधिकारी, चाहे वो झारखण्ड के हो या बाहर से संगठन को मजबूत करने के लिए भेजे गये हो, सभी शून्य से आगे बढ़ नहीं पाये हैं और हेमन्त ने अकेले इन सब को सांप सूंघा दिये हैं।
ये कितना भी बूथ सशक्तिकरण अभियान की बात करें, हेमन्त के आगे इनका बूथ सशक्तिकरण कही टिक नहीं पायेगा, क्योंकि भाजपा का सारा कार्यक्रम हवा-हवाई है। दीपक प्रकाश बार-बार कहते है कि हेमन्त सरकार ऑक्सीजन पर चल रही है, पर ये नहीं बताते कि वो ऑक्सीजन कौन उपलब्ध करा रहा हैं और न ही दिल्ली में बैठे राष्ट्रीय नेता समझने की कोशिश कर रहे हैं, दरअसल सच्चाई यह है कि पहले एक रघुवर ने भाजपा को सत्यानाश कर दिया और अब उस काम को दीपक आगे बढ़ा रहे हैं।
दीपक जहां हेमन्त सरकार पर गंभीर आरोप लगाने से नहीं चूक रहे और उन्हीं की पार्टी से आये राज्यपाल आज सदन में अभिभाषण के दौरान सरकार के चलाये जा रहे कार्यों के कशीदे पढ़ रहे थे, जो सदन में रिकार्डेड है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो वर्तमान में भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बैठनेवाले अधिकारियों में कोई ऐसा नहीं हैं, जो जनता की मूड को भांप सकें या जनता को अपनी ओर खींच सकें, ले-देकर बाबूलाल मरांडी और उधर गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे ने संभाल रखी हैं, और इनके पास हैं कौन? जो अपनी सीट अपने बल-बूते पर निकाल लें।
अंत में फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही झारखण्ड में अपना पुरुषार्थ दिखाना पड़ेगा और यहां के भाजपाइयों को सांसद व विधायक बनवाना पड़ेगा। जिसका फायदा झारखण्ड की जनता को कम, पर इनके परिवारों को जरुर मिलेगा, इनके घरों पर एक बोर्ड सांसद या विधायक होने का लग जायेगा। जनता तो पीस ही जायेगी और इसी का फायदा हेमन्त सोरेन को मिलेगा। महागठबंधन को मिलेगा।