अपनी बात

हेलिकॉप्टर नहीं मिलने के कारण जांच के लिए नहीं जानेवाली आराधना का विभाग बदला

हेलिकॉप्टर नहीं मिलने के कारण सीएम के आदेश का पालन नहीं करनेवाली आराधना पटनायक, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को आज सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखण्ड, रांची के पद पर योगदान करने का आदेश पारित कर दिया गया। आराधना पटनायक का स्थान अमरेन्द्र प्रताप सिंह लेंगे, उन्हें सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पद पर योगदान करने को कहा गया है। अमरेन्द्र प्रताप सिंह फिलहाल सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पद पर कार्यरत थे। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी।

इसी बीच अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग झारखण्ड रांची के पद पर कार्यरत सुखदेव सिंह को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक अपर मुख्य सचिव योजना-सह-वित्त विभाग झारखण्ड रांची के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है। इधर किसी को अंदेशा नहीं था कि आराधना पटनायक को इतनी जल्दी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से विदाई कर दी जायेगी। शायद आराधना पटनायक की गतिविधियों से मुख्यमंत्री बहुत ज्यादा नाराज हैं। बताया जाता है कि हाल ही में गत मंगलवार को मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र के सीधी बात कार्यक्रम में एक फरियादी के सवाल पर तीन महीने पूर्व लिये गये फैसले पर आराधना पटनायक ने ध्यान ही नहीं दिया।

जब मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आराधना पटनायक से पूछा कि आपको तीन महीने पूर्व कहा गया था कि गढ़वा जाकर गोपीनाथ सिंह इंटर और डिग्री कॉलेज की जांच कर आइये, तब आप इतने दिनों तक क्या करती रही? तब आराधना पटनायक ने कहा था कि चूंकि हेलिकॉप्टर नहीं मिला, इसलिए वे जांच करने के लिए नहीं जा सकी। इस पूरे प्रकरण पर आराधना पटनायक के बयान से क्षुब्ध सीएम रघुवर दास ने कहा कि आपको हेलिकॉप्टर से जाने के लिए उन्होने इसलिए कहा था कि आप जल्द से जल्द जांचकर रिपोर्ट सौंपे, पर तीन महीने बीत गये, इतने दिनों में तो आप कार से जांच कर चली आती।

आश्चर्य की बात है कि रांची से गढ़वा की दूरी मात्र 210 किलोमीटर हैं। यहां से कोई भी व्यक्ति सुबह निकलेगा और शाम को जांच कर लौट सकता है, पर आज के आईएएस अधिकारियो को इससे क्या मतलब? उन्हें तो जांच के लिए भी हेलिकॉप्टर चाहिए, अगर हेलिकॉप्टर नहीं मिला तो ये जांच करने नहीं जायेंगे और सीएम के आदेश को भी हवा में उड़ा देंगे। जैसा कि आराधना पटनायक ने किया, अब चूंकि वह पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव बनी है। देखना है, यहां ये क्या करती है?  क्या यहां भी हेलिकॉप्टर प्रकरण चलेगा।