राजनीति

खूलेआम फेसबुक पर लिख सरयू राय ने जमशेदपुर पुलिस की उड़ाई धज्जियां, नौ लोगों की गिरफ्तारी को बताया नाजायज, हास्यास्पद व निन्दनीय

निर्दलीय विधायक सरयू राय जमशेदपुर पुलिस के कृत्यों से बहुत दुखी हैं। उन्होंने जमशेदपुर पुलिस के कार्यों को लेकर गंभीर सवाल उठाएं हैं। उन्होंने खुलकर बहुत कुछ लिखा है। सरयू राय ने साफ कहा है कि विश्व हिन्दू परिषद व गौ रक्षा आंदोलन से जुड़े नौ युवकों की गिरफ्तारी नाजायज, हास्यास्पद व निन्दनीय है। अब सरयू राय के शब्दों में क्या लिखा हैं, आप आगे स्वयं पढ़े…

विश्व हिन्दू परिषद एवं गौरक्षा आंदोलन से जुड़े नौ युवकों को जमशेदपुर पुलिस ने आज शाम जेल भेज दिया। उन्हें कदमा सांप्रदायिक तनाव मामले में पुलिस ने कल गिरफ़्तार किया जब वे इस मामले में समय लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने उनके कार्यालय गये थे। आश्चर्य है कि इनमें से एक अधिवक्ता हैं जो सीधे कोर्ट से एसएसपी कार्यालय गये थे।

एक अपनी माँ के श्राद्ध कर्म से कल ही जमशेदपुर लौटा था। इनमें से कोई दो दिन के भीतर कदमा वह गया था, पर पुलिस की नज़र में वह भी अभियुक्त हो गया। मैं आज शाम इनसे मिलने कोर्ट गया था, जहां से इन्हें जेल भेजा गया। मैंने पाया कि इन सभी का मनोबल उंचा है, इनके चेहरे पर भय का कोई लक्षण नही है।

ये गिरफ़्तारियाँ पूरी तरह ग़लत हैं, नाजायज हैं, हास्यास्पद हैं, निन्दनीय हैं। इन पर संगीन धाराओं लगाई गई हैं। इन पर आर्म्स एक्ट लगा है, विस्फोटक अधिनियम लादा गया है, धारा 307 लगा है। पर पुलिस ने इनके पास से कोई हथियार या विस्फोटक नहीं बरामद किया है। ये सभी एसएसपी ऑफिस से गिरफ़्तार गये हैं। वहाँ ज्ञापन देने या न्यायालय में थे। समय लेकर गये थे। इनपर संगीन धाराएँ- 353, 153ए, 120बी, 295ए, 307, 27 आर्म्स एक्ट, 3/4 विस्फोटक एक्ट, 147, 158, 149, 332, 333, 337, 383, 427 आदि एफआईआर में डाली गई हैं।

जमशेदपुर पुलिस का यह अपराधिक कृत्य सोच और समझ से परे

यानी यह सब अपराध ये सब एसएसपी ऑफिस में बैठकर कर रहे थे। इससे अधिक हास्यास्पद संवैधानिक व्यवस्था में क्या हो सकता है? यह अपराधिक कृत्य है जिसे जमशेदपुर पुलिस ने किसी दबाव में किया है। संविधान और क़ानून का पालन करने की शपथ लेकर अखिल भारतीय पुलिस सेवा में योगदान करने वालों का यह कारनामा सोच और समझ से परे है, राजनीतिक दबाव में झुकने नहीं बल्कि रेंगने वाला है। ऐसा दमनकारी कार्य 1975 इमरजेंसी के दिनों की याद दिलाने वाला है।

गिरफ्तार युवकों से किया वादा, कानूनी लड़ाई समाज लड़ेगा

मैंने अनुचित तरीक़ा से गिरफ़्तार किये गये युवकों से वादा किया है कि उनकी क़ानूनी लड़ाई समाज लड़ेगा। मेरी पूरी मदद इसमें रहेगी। उन्हें गिरफ़्तार कर जमशेदपुर में भय और आतंक का वातावरण बनाने वालों का मंसूबा पूरा नहीं होने जाएगा। महात्मा गाँधी ने कहा है कि असत्य, अन्याय और दमन के सामने झुकना कायरता है। गिरफ़्तार हुए युवकों ने पुलिसिया असत्य, अन्याय और दमन का सामना डटकर किया है।

हम यह संदेश जमशेदपुर की जनता के बीच ले जाएँगे और जनता को भयमुक्त करने का अभियान चलायेंगे। ये अनुचित और ग़ैरक़ानूनी गिरफ़्तारियाँ बेकार नहीं जाने दी जाएँगी। इनके पक्षों क़ानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी और जन-अभियान भी चलाया जाएगा। – सरयू राय।

इधर सरयू राय द्वारा जमेशदपुर पुलिस के कृत्यों को अपराधिक बताने पर पूरे राज्य में गंभीर चर्चा शुरु हो गई हैं। लोगों का कहना हैं कि सरयू राय जिन बातों को उठा रहे हैं, तो उससे जमशेदपुर पुलिस पर ही अंगूली उठ रही हैं। मतलब अब कोई न्याय मांगने के लिए भी पुलिस के पास नहीं जाये, नहीं तो पुलिस वहीं से कोई भी अनाप-शनाप धारा लगाकर किसी के कहने पर जेल भेज देगी, ये तो सरासर गलत है।