राजभवन जाकर भाजपाइयों ने सिर्फ अपना दुखड़ा रोया, लेकिन ये नहीं बताया कि उनकी पत्थरबाजी से एक पत्रकार का सिर भी फटा, उसे नौ टांके भी लगें
11 अप्रैल की घटना को लेकर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल आज राजभवन जाकर राज्यपाल से मिला और स्वयं को राज्यपाल के समक्ष पाक-साफ बताया। भाजपा नेताओं पर हुए प्राथमिकी को सभी ने पुलिसिया दमन बताया, पर इनकी पत्थरबाजी से कई पत्रकारों को चोटें आई, एक पत्रकार के सिर में नौ टांके लग गये, कई के कैमरे टूट गये। इसकी चर्चा तक इन भाजपा नेताओं ने नहीं की।
इन भाजपा नेताओं ने ये नहीं बताया कि बिना हेलमेट के ही उनके एक केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मोटरसाइकिल का सदुपयोग किया, जबकि कई कार्यकर्ताओं ने भी उस दिन हेलमेट पहनना ज्यादा जरुरी नहीं समझा था। अब राज्यपाल ने इन भाजपा नेताओं को क्या भरोसा दिया, ये राजभवन से छनकर नहीं आया हैं। आप स्वयं देखे कि भाजपाइयों ने राजभवन को दिये ज्ञापन में क्या लिखा हैं…
सेवा में,
महामहिम राज्यपाल,
झारखंड।
विषय – 11 अप्रैल को प्रदेश भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा किए गए पुलिसिया दमन, लाठीचार्ज की न्यायिक जांच कराकर कार्रवाई हेतु निर्देश देने के संबंध में।
महोदय,
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी लगातार हेमंत सरकार की विफलताओं, नाकामियों को उजागर करती रही है। पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने भी राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता की भावनाओं के अनुरूप हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही झामुमो, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार की जनविरोधी नीतियों, इनके वादा खिलाफी को सड़क से सदन तक लगातार उजागर किया है।
महोदय, आपके संज्ञान में यह बात अवश्य है कि किस प्रकार से केंद्रीय जांच एजेंसियों के द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले आए दिन उजागर हो रहे हैं। राज्य के लिए शर्मनाक स्थिति यह है कि भ्रष्टाचार के मामले में स्वयं मुख्यमंत्री, उनके परिजन, सहयोगी के साथ कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हुई है।
महोदय, राज्य सरकार की नीतियों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार की नीयत में ही खोट है। यह सरकार राज्य का विकास नहीं करना चाहती बल्कि अपने परिजनों और चहेतों को केवल खनिज संसाधनों और राज्य के खजाने को लूटने की छूट देना चाहती है। राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति का परिणाम है कि राज्य के अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय के बीच दूरियां बढ़ रही है। बहुसंख्यक समाज के पर्व त्योहारों, सांस्कृतिक उत्सवों को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। विगत दिनों जमशेदपुर में दो समुदायों के बीच हुए तनाव, भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति को ही उजागर करता है।
महोदय, प्रदेश भाजपा ने कई सांगठनिक कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार की नाकामियों एवम जन विरोधी नीतियों को उजागर किया है। पार्टी द्वारा राज्य के सभी 264 प्रखंडो एवम 24 जिलों की सांगठनिक इकाइयों ने अपने अपने प्रखंडों, जिलों में जोरदार प्रदर्शन आयोजित किए। तत्पश्चात पार्टी ने प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन की घोषणा की थी।
महोदय, हेमंत सरकार भाजपा के आंदोलन से डरी सहमी है इसलिए भाजपा के हर आंदोलन को सत्ता का दुरुपयोग करते हुए कुचलने की कोशिश करती रही है। सचिवालय घेराव कार्यक्रम में तो हेमंत सरकार ने हिटलरशाही सोच की पराकाष्ठा कर दी। हेमंत सरकार ने अपने खिलाफ हो रहे जनांदोलनों को कुचलने की नई परंपरा शुरू की है। यह सरकार आंदोलनकारियों को अपराधी मानती है।
आंदोलन के एक दिन पूर्व सभी जिलों में सरकारी आदेश जारी कर 10 अप्रैल को अपराह्न 2बजे से 11 अप्रैल को अपराह्न 2 बजे तक एंटी क्राइम चेकिंग के नाम पर प्रदर्शन में आने वाले नेताओं, वाहन चालकों, मालिकों एवम आम जनता को थाना प्रभारियों द्वारा डराया धमकाया गया। रैली में आ रहे वाहनों की पूरे रास्ते में जगह जगह चेकिंग की गई ताकि जन सैलाब राजधानी रांची तक नहीं पहुंच सके। रैली के एक दिन पूर्व झामुमो नेता की प्रेसवार्ता में सत्ता का अहंकार और जनांदोलन का भय स्पष्ट उजागर हुआ ।
बावजूद इसके प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम पूरी तरह लोकतांत्रिक था । लोकतंत्र में सत्ता की विफलताओं नाकामियों को उजागर करना विपक्ष का धर्म है जिसका पालन लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा ने किया है। इस कार्यक्रम में शामिल हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं एवम आम जनता ने धैर्य एवम संयम का परिचय दिया। कही भी कोई तोड़ फोड़ हिंसा नही की। ऐसे में पुलिसिया धौंस, फर्जी मुकदमों, संगीन अपराध की कानूनी धाराओं के आधार पर हेमंत सरकार अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालना चाहती है। राज्य सरकार ने तानाशाही और हिटलरशाही को भी मात दे दी है
अतः प्रदेश भाजपा का यह प्रतिनिधिमंडल आपसे सादर अनुरोध करता है कि 11 अप्रैल 2023 को भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम में हुई पुलिसिया कार्रवाई, लाठीचार्ज, नेताओं कार्यकर्ताओं पर हुए फर्जी मुकदमों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई हेतु आवश्यक निर्देश देने की कृपा की जाए।
भवदीय,
बाबूलाल मरांडी, नेता विधायक दल व पूर्व मुख्यमंत्री।
दीपक प्रकाश, सांसद सह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष।
रघुवर दास,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री।
डॉ प्रदीप वर्मा, प्रदेश महामंत्री।
बालमुकुंद सहाय, प्रदेश महामंत्री।
भारतीय जनता पार्टी, झारखंड।