पारस अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे बख्तियारपुर के पत्रकार सुनील सौरभ को बिहार के CM नीतीश कुमार से मदद की चाहत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी,
जरा नजरें इनायत इधर भी…
आपके गृह क्षेत्र बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत करनौती ग्राम निवासी वरिष्ठ पत्रकार सुनील सौरभ पिछले लगभग दो सप्ताह से पारस अस्पताल, पटना में इलाजरत हैं। वह किडनी और पेट की बीमारी से पीड़ित हैं। आईसीयू में भर्ती हैं। चिकित्सकों के मुताबिक उनका किडनी संक्रमित हो गया है। अब तक उनके इलाज में लगभग सात लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।
संभवत: आप भी जानते होंगे कि सुनील सौरभ की आर्थिक स्थिति वैसी नहीं है कि वे इलाज में इतना भारी भरकम खर्च वहन कर सकें। नीतीश जी संभवतः आपको स्मरण होगा कि आपके राजनीतिक कैरियर को बुलंदियों के शिखर पर पहुंचाने में भी कमोबेश सुनील सौरभ की भूमिका रही है। एक निर्भीक, निष्पक्ष और कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार के रूप में सुनील सौरभ अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन करते हुए आपके शासनकाल की उपलब्धियों को जनता के बीच प्रचारित-प्रसारित भी करते रहे। फिलहाल सुनील सौरभ गंभीर रोग से पीड़ित हैं।
पारस अस्पताल में उनके इलाज का खर्च वहन करने में परिजनों के पसीने छूट रहे हैं। इस संबंध में आपसे आर्थिक सहयोग की अपेक्षा करते हुए उनकी पत्नी सुभद्रा सिंह ने आपसे मार्मिक अपील भी की है। शनिवार (15अप्रैल) को बख्तियारपुर में आयोजित एक कार्यक्रम (बिहार जाति आधारित जनगणना) के दौरान उक्त आवेदन सुनील सौरभ के बड़े भाई नवल किशोर सिंह (झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार) ने आपसे मिलकर देने का प्रयास किया था।
पत्रकार के नाते कार्यक्रम स्थल (आपके पैतृक आवास) पर मीडियाकर्मियों के बीच वह भी खड़े हो कर समाचार संकलन कर रहे थे। प्रेस को संबोधित करने के बाद आप जब वहां से प्रस्थान करने लगे तब उन्होंने आपके पास जाकर आवेदन सौंपकर दो शब्द बोलने का प्रयास किया, लेकिन भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उनका यह प्रयास सफल नहीं हो सका।
इस बीच आपके निजी सुरक्षा में तैनात एक कर्मी ने आवेदन ले लिया और आपके पास पहुंचा देने को आश्वस्त किया। पता नहीं, उक्त आवेदन आप तक पहुंच पाएगा या नहीं, इसी उधेड़बुन के बीच वह निराशाजनक स्थिति में वापस लौट गए। मुख्यमंत्री जी, आपके निजी सुरक्षाकर्मी ने उक्त आवेदन आपके पास पहुंचाया या नहीं? यह नहीं पता। बहरहाल, सुनील पारस अस्पताल के आईसीयू में गंभीरावस्था में हैं।
उनके परिजनों के मुताबिक सुनील सौरभ जब स्वस्थ थे, तब पत्रकार बिरादरी के लोगों को हर संभव सहयोग के प्रति सक्रिय रहा करते थे। लेकिन आज जब वह स्वयं अस्वस्थ होकर अस्पताल में भर्ती हैं तो उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, जानकारी के मुताबिक एक समय आपके काफी करीबी पत्रकार के रूप में सुनील सौरभ की पहचान थी। उनके परिजन ऐसे संकट के समय आपके सहयोग की अपेक्षा करते हैं। संयोग कहिये कि आपने ही पारस अस्पताल के आईसीयू का उद्घाटन किया है। जहां आज सुनील सौरभ भर्ती हैं।
ज्ञातव्य है कि सुनील सौरभ कोई सामान्य पत्रकार नहीं हैं। उन्होंने हिन्दुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, चौथी दुनिया, आदि प्रमुख अखबारों में अपनी सेवाएं दी है। उनकी कई रचनाएं भी बिहार के लिए उपयोगी सिद्ध हुई है। बिहार सरकार का मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग, बिहार पटना के अंशनुदान से ‘गया जहां इतिहास बोलता है’ का प्रकाशन भी हुआ है। सुनील सौरभ को उनके कृतियों के लिए कई प्रमुख संस्थानों से सम्मान भी प्राप्त हुआ हैं। ऐसे स्वतंत्र पत्रकार के लिए अगर आपकी ओर से उन्हें आर्थिक सहायता मिल जाती है, तो निः संदेह सुनील सौरभ और उनके परिवार के लिए एक बहुत बड़ी मदद मिल जायेगी।