2024 में एक बार फिर से केन्द्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनेगी – अश्विनी चौबे
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश इकाई ने लगातार सड़क से सदन तक राज्य की गठबंधन सरकार की वादाखिलाफी जनविरोधी नीतियों को उजागर करते हुए बड़े आंदोलन किए हैं क्योंकि यहां की सरकार अपने वायदों को पूरा करने में सबसे अक्षम साबित हुई है। वर्तमान में चल रही राज्य की सरकार आदिवासी, दलित, पिछड़ा, युवा, महिला एवं किसान विरोधी साबित हुई है और इस सरकार को बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ये बातें भाजपा प्रदेश कार्यालय में केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति वन-पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने संवाददाताओं से कही।
उन्होंने कहा कि अगले 30 मई को केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही एनडीए सरकार के नौ वर्ष पूरे हो रहे हैं और प्रधानमंत्री जी की सोच है कि राज्यों का संपूर्ण विकास हो, खासकर नॉर्थ ईस्ट के राज्य जो पीछे रहे हैं उन पर केंद्र सरकार का ज्यादा ध्यान है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जी के सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सब का प्रयास के मूल मंत्र पर चल रही है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र से ₹100 चलकर आ रही है एवं पूरे के पूरे ₹100 लाभार्थियों तक पहुंच रहा है।
श्री चौबे ने कहा कि जब से मोदी जी ने भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसा है तब से भ्रष्टाचारी घबराहट में हैं एवं उनका नेक्सेस काम कर रहा है जो जनता को दिग्भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड एवं बिहार में भी ठगबंधन की सरकार है पर जनता का भरोसा मोदी जी के केंद्र की सरकार पर है एवं हमें पूर्ण विश्वास है की 2024 में हम फिर से 350 प्लस लोकसभा सीटें जीतकर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड में कोविड-19 के दौरान 41.03 लाख मैट्रिक टन अनाज केंद्र की ओर से राज्य की जनता के बीच वितरण किया गया है जिसका सीधा लाभ 58.41 लाख जनता को प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि बिचौलियों एवं फर्जी किसानों से खरीद बंद करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी की मदद से किसानों से सीधे खरीद की जा रही है एवं उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से पैसे भेजे जा रहे हैं ताकि इस समर्थन मूल्य का लाभ किसानों को मिल रहा है। जिसका परिणाम है कि हजारों अन्नदाता सैकड़ों वर्षो के महाजनी प्रथा से बाहर आ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए एक देश एक राशन कार्ड योजना पर भी तेजी से काम किया जा रहा है,। जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अपने हक से वंचित ना हो।
श्री चौबे ने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड के सिद्धांत को भी पूर्ण रूप से लागू कर दिया है जिसके तहत झारखंड के प्रवासी मजदूर भाइयों को भी बहुत सहायता मिल रही है एवं इसके तहत वे देश के किसी भी कोने में राशन की दुकान से निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न का उठाव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह आधार से लिंक है। ऑफिस में अंगूठे के निशान के माध्यम से खाद्यान्न का उठाव किया जाता है जिससे हमारे गरीब झारखंड के लोगों को बहुत फायदा मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा को प्रबल करने के लिए झारखंड राज्य में भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 2015 में जो लगभग 2.32 लाख मेट्रिक टन थी जो अब बढ़कर 2022- 23 में 3.96 लाख मेट्रिक टन हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा झारखंड राज्य में भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए प्लान स्कीम के तहत चतरा इटखोरी में 10,000 मेट्रिक टन, गोड्डा के पोड़ैयाहाट में 10000 मेट्रिक टन एवं दुमका में भी 10,000 मेट्रिक टन क्षमता के गोदाम निर्माण का कार्य जारी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा एचईसी रांची से जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया जारी है जिस पर क्षेत्रीय एवं मंडल कार्यालय रांची में बनाने हेतु प्रक्रिया आरंभ करने के लिए स्वीकृति दे दी गई है वहीं भारतीय खाद्य निगम के मंडल धनबाद एवं देवघर में मंडल कार्यालय निर्माण कार्य के लिए भी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्यों को भी जमीनी स्तर पर उतारा जा रहा है। श्री चौबे ने कहा कि हाथी और मानव के बीच संघर्ष को कम करने के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है एवं भारत पूरी दुनिया में वन्य जीव संरक्षण में रोल मॉडल बन कर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी सोच की वजह से आज प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफेंट, प्रोजेक्ट लायन, प्रोजेक्ट चीता की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।
उन्होंने कहा कि झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व में भी जैव विविधता बनाए रखने पर चर्चा हो रही है। श्री चौबे ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना के तहत राज्य में धनबाद शहर को चुना गया है एवं 2019-20 से 2021-22 तक कुल छः करोड़ की राशि आवंटित की गई है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य के तीन शहरों धनबाद, जमशेदपुर और रांची को चुना गया है जिसके लिए चार वर्षों के लिए 279.4 4 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
श्री चौबे ने कहा कि नगर वन योजना के तहत झारखंड सरकार द्वारा 33 प्रस्ताव भेजे गए। जिसमें भारत सरकार ने छः प्रस्ताव का अनुमोदन किया है एवं 2021-22 के लिए कुल 399. 02 लाख रुपए की राशि आवंटित की है, जिससे रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह जिले लाभान्वित हुए हैं।