स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के प्रेस कांफ्रेस ने झारखण्ड की राजनीति और पत्रकारिता के गिरते स्तर की कलई खोलकर रख दी
आज रांची स्थित अपने आवास पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेस की। स्वाभाविक था कि आज के उनके प्रेस कांफ्रेस में भारी भीड़ जुटनी थी, जो जुटी भी। सभी पत्रकारों के मन में नाना प्रकार के भाव उठ रहे थे कि आज बन्ना गुप्ता क्या कहते हैं? जब वे अपनी सफाई दे रहे होंगे तो उनका चेहरा कैसा होगा? क्योंकि इन पत्रकारों में भी कुछ लोग ऐसे थे, जो अपने-अपने सोशल साइट पर नाना प्रकार के संवादों से उनके और वीडियो में पाई गई महिला के सम्मान पर प्रहार कर रहे थे, उन्हें दोषी मानकर बेवजह की टिप्पणियां कर रहे थे।
इधर इसी प्रकरण पर दो महिलाओं के बयान आ चुके हैं। एक को तो बेतमलब में घसीट कर, उसकी इज्जत बर्बाद करने का भरसक प्रयास किया गया है। बताया जाता है कि इस महिला ने एक प्राथमिकी भी दर्ज करवा दी है। जबकि दूसरी महिला जो इस प्रकरण से जुड़ी है, उसका कहना है कि उसकी चैट उसके पति के साथ हो रही थी, किसी ने उसे एडिट कर डाल दिया है। वो अपने सम्मान की रक्षा के लिए अपने तीन छोटे-छोटे बच्चों की दुहाई दे रही है। साथ ही अपने परिवार के सम्मान की रक्षा के लिए उक्त वीडियों को हर जगह से हटाने की अपील भी की।
अब इसके ठीक उलट आज स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने घायल सिंह की तरह सिंह गर्जना कर दी। सरयू राय और भाजपा के अन्य नेताओं पर जमकर बरसे, साथ ही पत्रकारों पर भी यह कहकर सवाल दाग दिया कि बन्ना गुप्ता प्रकरण पर बड़ा आप इंटरेस्ट ले रहे हैं और सीपी सिंह प्रकरण पर चुप्पी क्यों साध ली? लेकिन पूरे प्रेस कांफ्रेस का सारांश निकाला जाये, तो उनके निशाने पर सरयू राय ही थे। कभी तो वे संवाददाता सम्मेलन में उन्हें चचा कहकर संबोधित करते तो कभी उनके चरित्र पर भी सवाल उठा देते।
बन्ना गुप्ता ने सरयू राय के बारे में कहा कि वे अपनी पत्नी के बारे में क्यों नहीं बताते कि उनकी मौत स्वाभाविक थी या अस्वाभाविक? आखिर जमशेदपुर में रामार्चा पूजा के दौरान वो महिला कौन थी जो उनके साथ पूजा पर बैठी थी? वो लड़का कौन था या है? जो सरयू राय के साथ रहा करता है। आखिर अपने एकाउंट से दूसरे एकाउंट में वे किसके लिए पैसे भेजते रहते हैं? जहाज में बैठाकर उसे अमरीका तक पहुंचाने और उसके लिए माल की व्यवस्था किस हैसियत से करते है? आखिर उनके इस चरित्र की निष्पक्ष जांच कौन करेगा? बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरयू राय कहते है कि मेरी मोबाइल की जांच होनी चाहिए, वो तो मोबाइल पुलिस देने को तैयार है, वो खुद प्राथमिकी करवाये हैं, पुलिस को सहयोग कर रहे हैं। सरयू राय बताये कि वो अपना डीएनए कब जांच करवा रहे हैं?
बन्ना गुप्ता ने अपने प्रेस कांफ्रेस में सरयू राय को गोपी चंद जासूस नाम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये बेडरुम तक जाकर जासूसी करते हैं। बन्ना गुप्ता ने कहा कि वीडियो प्रकरण में न वो आरोपी है और न ही महिला आरोपी है, बल्कि दोनों भुक्तभोगी हैं। उन्होंने सरयू राय को चुनौती दी कि बन्ना गुप्ता बनिया जरुर है, पर बकरी का बच्चा नहीं है, बन्ना डरनेवाला नहीं, कोई खुद को पराक्रमी जरुर समझे, पर बन्ना को कोई हिला दें, ये फिलहाल संभव नहीं।
उन्होंने कठोर शब्दों में कहा कि अगर वे मुंह खोलना शुरु करें तो कई भाजपा के नेता अपना मुंह छिपाते फिरेंगे, पर वे इस प्रकार की राजनीति में विश्वास नहीं करते। हालांकि बन्ना गुप्ता खूब सरयू राय पर बरसे और इसी बरसने के क्रम में उन्होंने एक गलती कर दी। उन्होंने पत्रकारों से ही पूछ दिया कि आप यहां सौ पत्रकार जमें हैं, आप में से कोई भी एक पत्रकार सरयू राय की पत्नी का नाम बता दें तो वे उस पत्रकार की गुलामी खटने को तैयार हैं। अब सवाल उठता है कि एक राजनीतिज्ञ की पत्नी का नाम एक पत्रकार को जानना ज्यादा जरुरी है क्या? आखिर किसी राजनीतिज्ञ के पत्नी का नाम क्या हैं, उससे आम पत्रकार को क्या मतलब? या किसी राजनीतिज्ञ के पत्नी में किसी पत्रकार को क्यों दिलचस्पी होगी?
हालांकि जिस प्रकार से मात्र दो दिनों में सीपी सिंह प्रकरण और उसके बाद बन्ना गुप्ता प्रकरण में दो महिलाओं के सामने आये हैं। इन महिलाओं के आ जाने के बाद कांग्रेस पार्टी और बन्ना गुप्ता को बहुत राहत मिली है। अब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की कुर्सी को कोई खतरा नहीं दिख रहा। लेकिन कुछ सवाल तो मीडियाकर्मियों से, खासकर उनसे जिन्होंने वायरल वीडियो को हु-ब-हू प्रसारित कर दिया। आखिर ऐसे मीडियाकर्मियों और संस्थानों पर क्या कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? आखिर पुलिस प्रशासन इस मुद्दे पर जांच करेगा भी या नहीं, या इन्हें इसलिए छोड़ देगा कि इन्हें ये सब करने का विशेषाधिकार है?