राजनीति

रांची प्रेस क्लब का ऐतिहासिक फैसला, सचिव जावेद अख्तर 15 दिनों के लिए पद से निलंबित, सचिव पर लगे थे गंभीर आरोप

जैसा कि सर्वविदित था, रांची प्रेस क्लब की आज विशेष बैठक होनी थी, जिसमें सचिव जावेद अख्तर को लेकर फैसला होना था। आज वो फैसला भी हो गया। रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र ने बहुमत के आधार पर सचिव जावेद अख्तर को पन्द्रह दिनों के लिए निलंबित कर दिया। सूत्र बताते है कि यह फैसला रांची प्रेस क्लब की ओर से उन लोगों के लिए एक सबक है, जो विभिन्न पदों पर बैठकर अथवा सदस्य होने पर गैर-जिम्मेदाराना हरकत करते हैं।

रांची प्रेस क्लब की ओर से कहा गया है कि आज कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में कई बिन्दुओं पर विचार कर महत्वपूर्ण फैसले लिये गये। जिसमें एक फैसला सचिव जावेद अख्तर को लेकर भी था। प्रेस क्लब द्वारा सदस्यों के लिए जारी की गई सूचना में यह बताया गया है कि मीटिंग में उपस्थित कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू को बैठक से बाहर करने के बाद निर्णय लिया गया कि विगत दो अप्रैल 2023 को कमेटी की बैठक में सचिव जावेद अख्तर और कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू के बीच मारपीट हुई थी।

इस संबंध में निर्णय लेते हुए सचिव जावेद अख्तर को सात दिनों तक प्रेस क्लब में प्रवेश करने पर रोक लगाया गया था। साथ ही सुशील सिंह मंटू को शो कॉज जारी किया गया था। दोनों ने अपने ओर से जवाब भेजा। जिसमें सचिव ने अपने जवाब को आरपीसी व्हाट्सएप ग्रुप में जारी कर दिया था। साथ ही घटना से संबंधित सीसीटीवी  फुटेज भी सार्वजनिक किया था।

सचिव जावेद ने अपनी एक अर्धनग्न तस्वीर भी जारी कर दी थी। सचिव के आचरण पर चर्चा करते हुए सदस्यों ने कहा कि वह पहले भी वरिष्ठ सदस्य मानिक बोस को निलंबित करने, कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू को भी बिना कमेटी के स्वीकृति के शो कॉज जारी करने, कैंटीन कमेटी को बिना स्वीकृति भंग करने और सदस्यों को शो कॉज करने, कांफ्रेस हॉल में कार्यकारणी सदस्य संजय रंजन को भी अपमानित करने का काम कर चुके हैं। इन सारे मामलों पर सदस्यों ने अपनी अलग-अलग राय रखी।

बाद में इसी आलोक में यह फैसला लिया गया कि सचिव जावेद अख्तर को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया जाय। इसके दूसरे आरोपी कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू को भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। इस चेतावनी के साथ स्वघोषित शपथ पत्र कार्यलय में जमा कराये जाये। इस निर्णय की जानकारी दोनों पदाधिकारियों को पत्र/ मेल/ऑफिसियल ग्रुप के माध्यम से भेजा जाए। अब कमेटी की 15 दिनों के बाद होने वाली अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

रांची प्रेस क्लब के इस फैसले के बाद बताया जा रहा है कि सचिव जावेद अख्तर ने कल रांची प्रेस क्लब में धरना देने का फैसला किया है। दूसरी ओर रांची प्रेस क्लब के कार्यकारिणी सदस्य संजय रंजन ने कहा है कि आज की बैठक में वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। उनका कहना था कि चूंकि वे गांव में हैं, नेटवर्क साथ नहीं देने की वजह से वे ज्यादा देर तक जुड़े नहीं रह सके।

बाद में उन्हें जानकारी मिली कि कमेटी की बैठक में हुई दो लोगों के बीच हुई मारपीट पर आज कार्रवाई हुई। जिसमें यह तय किया गया कि सचिव को 15 दिन के लिए निलंबित करने और कोषाध्यक्ष को ऐसी घटना दुबारा ना करने की लिखितनामा लेने की बात आई है। इस जानकारी के बाद और बैठक की मिनट्स जारी होने से पहले उन्होंने अध्यक्ष संजय मिश्र से फोन पर बात कर अपना पक्ष रखा था।

जिसमें उनका कहना था कि मारपीट की घटना में दोनों लोग जिम्मेवार हैं। ऐसे में सिर्फ एक पर कार्रवाई नहीं हो। अगर लिखितनामा से घटना को भुलाया जा सकता है तो फिर यह दोनों पर लागू हो। संजय रंजन का कहना है कि वे किसी के समर्थन में नहीं हैं। मारपीट के दिन दोनों का जो व्यवहार था, वह सार्वजनिक जीवन के लिए ठीक नहीं है। चूंकि उनकी बातों को मिनट्स में जोड़ा नहीं गया। इसलिए वे अलग से अपनी बात रख रहे हैं।