हजारीबाग में आयोजित भाजपा की प्रमंडलीय बैठक में भाग नहीं लेंगे धनबाद जिले के भाजपा सांसद व विधायक, प्रदेशस्तरीय नेताओं द्वारा जारी सर्कुलर पर धनबाद के भाजपाइयों में गहरा आक्रोश
पिछले एक महीने से झारखण्ड की हेमन्त सरकार को नाक में दम करने के लिए असफल आंदोलन व कार्यक्रम चलानेवाली तथा इसके लिए अपने राष्ट्रीय नेताओं, प्रदेशस्तरीय नेताओं, जिलास्तरीय नेताओं यहां तक की कहनेवाले तो ये भी कह रहे हैं कि राज्यपाल तक को अपने इस आंदोलन में खड़ा कर लेनेवाली भाजपा ने कल यानी एक जुलाई को राज्य के सभी प्रमंडलों में प्रमंडलीय बैठक बुलाई है। इसके लिए नेताओं को भी नियुक्त कर दिया गया है।
संताल परगना में बाबूलाल मरांडी व प्रदीप वर्मा, पलामू में आदित्य साहू, उत्तरी छोटानागपुर में दीपक प्रकाश व दिनेशानन्द गोस्वामी, कोल्हान में बालमुकुन्द सहाय, दक्षिणी छोटानागपुर में कर्मवीर सिंह को नियुक्त किया गया है। इस आशय का सर्कुलर भाजपा के कथित प्रदेश महामंत्री व मुख्यालय प्रभारी प्रदीप वर्मा द्वारा जारी किया गया है।
इस सर्कुलर में यह भी बताया गया है कि इस बैठक में किसे भाग लेना है। इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारियी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, प्रदेश मोर्चा के पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, जिला प्रभारी, मोर्चा के जिलाध्यक्ष, जिला महामंत्री, निवर्तमान जिला अध्यक्ष, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, 2019 के प्रत्याशी, मंडल अध्यक्ष एव मंडल प्रभारी को भाग लेना है। इस जारी सर्कुलर में यह भी लिखा गया है कि इस प्रमंडलीय बैठक में वर्तमान सांसद व वर्तमान विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य है।
इधर धनबाद से विद्रोही24 को भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने सूचना उपलब्ध कराई है कि कल ही यानी एक जुलाई को धनबाद में जिला निगरानी तथा अनुश्रवण समिति यानी दिशा की बैठक होनी तय है। ऐसे में भाजपा के मूर्धन्य प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और मूर्धन्य महामंत्री प्रदीप वर्मा ही बताये कि भाजपा के द्वारा आयोजित प्रमंडलीय बैठक में धनबाद जिले से जुड़े सांसद पीएन सिंह, धनबाद के विधायक राज सिन्हा, बाघमारा के ढुलू महतो कैसे भाग लेंगे? जबकि प्रदीप वर्मा ने अपने हस्ताक्षर द्वारा जारी सर्कुलर में इस बात को प्रमुख रुप से इंगित किया है कि उक्त भाजपा की बैठक में और कोई उपस्थित हो या न हो, पर वर्तमान सांसद व वर्तमान विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य है।
भाजपा का उक्त कार्यकर्ता विद्रोही24 को यह भी बताता है कि भला केन्द्र की विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारनेवाली इस विशेष बैठक को जो वर्ष में तीन या चार ही होती हैं, उस बैठक को छोड़ कोई भी सांसद या विधायक अपनी पार्टी की बैठक में कैसे शामिल हो सकता है? इसका मतलब है कि कम से कम धनबाद के सांसद और धनबाद जिले से आनेवाले विभिन्न विधायकों का समूह उक्त प्रमंडलीय बैठक में तो भाग नहीं ही लेगा।
भाजपा का उक्त कार्यकर्ता विद्रोही24 को यह भी बताता है कि पिछले एक महीने से भाजपा कार्यकर्ताओं को हेमन्त सरकार के खिलाफ चले आंदोलन में झोंक देनेवाली भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेताओं को इतना भी नहीं पता कि उनके कार्यकर्ताओं का भी परिवार हैं। उन्होंने एक महीने पार्टी को दिये, थोड़ा उन्हें विश्राम दे दिया जाये, ताकि वे अपने परिवार को भी कुछ समय दें। ये क्या 30 जून को भाजपा का एक महीने का आंदोलन खत्म और एक जुलाई को प्रमंडलीय बैठक की घोषणा कर सर्कुलर जारी कर दिया और उक्त बैठक में उपस्थित होने का आदेश जारी कर दिया। क्या भाजपा कार्यकर्ताओं का अपना कोई पारिवारिक व सामाजिक दायित्व नहीं होता?
क्या पार्टी के प्रदेशस्तरीय नेताओं ने इस बात का भी पता लगाया कि प्रदेश में जिलास्तर पर कोई प्रशासनिक गतिविधियां हैं भी या नहीं? बस अपना दिमाग लगाया और सर्कुलर जारी कर दिया। ऐसे में तो पार्टी रसातल में चली जायेगी। इधर विद्रोही24 ने जब धनबाद के विधायक राज सिन्हा से इस संबंध में बातचीत की तो उनका कहना था कि उन्हें भाजपा के प्रमंडलीय बैठक के बारे में न तो प्रदेश से और न ही जिलास्तर से अभी तक सूचना मिली है। अगर सूचना मिलेगी भी तो वे पार्टी की बैठक में न जाकर, जिला निगरानी अनुश्रवण समिति की बैठक में जाना ज्यादा पसन्द करेंगे, क्योंकि विकासात्मक कार्यों के लिए ये बैठक किसी भी सांसद व विधायक के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और यही सोच उन्हें लगता है कि धनबाद के सांसद की भी होगी।
उनका ये भी कहना था कि भाजपा के प्रमंडलीय बैठक में वर्तमान सांसदों व विधायकों को अनिवार्य रुप से उपस्थित होना है, इस बात की भी उन्हें जानकारी नहीं हैं। ये पहली बार विद्रोही24 के द्वारा ही पता चल रहा है। इधर पूरे कोयलांचल में प्रदेशस्तरीय नेताओं के इस राजनीतिक कार्यक्रम की घोषणा से आक्रोश देखने को मिल रहा है और प्रदेश के साथ-साथ जिलास्तरीय नेता भी प्रदेश के नेताओं को माफ करने के मूड में नहीं हैं।
इधर भाजपा कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि धनबाद जिले में ही भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह निरसा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता को भी दिशा की बैठक में भाग लेना है। प्रदेश उपाध्यक्ष के नाते, प्रदेश की हरेक संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी/कार्यक्रम की जानकारी अनिवार्य रुप से उन्हें रहनी चाहिए। ऐसे में दिशा की बैठक की जानकारी उन्हें भी होगी, तो उन्होंने इस बात की जानकारी प्रदेश के नेताओं को क्यों नहीं दिया?
इसका मतलब है कि प्रदेश के नेताओं में ही आपसी समझदारी, समन्वय एवं संवाद का अभाव है। ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ता किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में आ गये हैं। निरसा की भाजपा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता समेत धनबाद जिले के सभी विधायकों व सांसद को उपायुक्त ने एक सप्ताह पूर्व ही दिशा की बैठक की सूचना दे दी थी।
तब ऐसी परिस्थिति में अपर्णा सेन गुप्ता ने इस बात की जानकारी प्रदेश नेतृत्व को क्यों नहीं दिया, आखिर अपर्णा ने ऐसा करना उचित क्यों नहीं समझा, प्रमंडलीय बैठक की तिथि को फेरबदल कराने में दिलचस्पी क्यों नहीं ली? या कही ऐसा तो नहीं कि अपर्णा सेन गुप्ता ने प्रदेश के भाजपा नेताओं को सूचना दी हो और प्रदेश के शीर्षस्थ नेताओं ने उनकी बातों को तवज्जों ही न दिया हो।