रांची के अखबारों/पत्रकारों ने लिया संकल्प, बनायेंगे सुबोधकांत सहाय को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष, संकल्प को मूर्त्तरुप देने में ‘हिन्दुस्तान’ और ‘प्रभात खबर’ सबसे आगे
धन्य हैं, रांची के अखबारों में कार्य करनेवाले वे महान पत्रकार व संपादक, जो सुबोधकांत सहाय को झारखण्ड प्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए मनोयोग से लग चुके हैं और इस कार्य को संपादित करने के लिए खूब पसीने बहा रहे हैं। कुल मिलाकर नेताओं के प्रति इतनी भक्ति देखने के लिए कम से कम झारखण्ड के लोगों को अन्यत्र जाने की अथवा अन्यत्र स्थानों से प्रकाशित होनेवाले अखबारों को देखने की आवश्यकता ही नहीं।
वे रांची से प्रकाशित होनेवाले हिन्दुस्तान व प्रभात खबर के अखबारों को जिनका झारखण्ड में अन्य शहरों से भी प्रकाशन होता हैं, उसके नगरीय संस्करण देखकर अनुमान लगा सकते हैं। जैसे सात जुलाई को रांची से प्रकाशित अखबार हिन्दुस्तान और 10 जुलाई को रांची से प्रकाशित प्रभात खबर का आज का संस्करण तथा आज ही प्रभात खबर के झारखण्ड के दूसरे शहरों से छपनेवाले नगरीय संस्करण को देख लीजिये।
आप देखेंगे कि सात जुलाई को हिन्दुस्तान व आज प्रकाशित प्रभात खबर में छपी कांग्रेस नेता सुबोधकांत से संबंधित छपी समाचार, उसके हेंडिग और उसके कंटेट मिलते-जुलते हैं। अब ये दोनों अखबारों के हेंडिग व उसके कंटेट का मिलना संयोग है या प्रयोग। इससे समझने और समझाने की कोई जरुरत नहीं। दरअसल सभी अखबारों और वहां काम करनेवाले पत्रकारों के समूहों में जो दिल धड़कते हैं। उनके दिलों की धड़कन समान ही होती है और इन दिलों के धड़कनों कैसे तेज बढ़ाना है, धीमी रखनी है अथवा सामान्य रखना है, इसकी चाबी नेताओं और उनके इर्द-गिर्द घूमनेवाले महान कनफूंकवों के पास होती हैं, जो अपना काम समय-समय पर कर जाते हैं।
वे ही तय करते हैं कि कौन समाचार, कब और किस अखबार के पन्नों पर छपवाना है। कैसे माहौल बनाना है। ताकि उनके मन-मुताबिक दिल्ली में बैठा किसी दल का बड़ा नेता अपना दिमाग उक्त अखबारों के समाचारों से प्रभावित होकर उक्त नेता का नाम अपने जुबान पर रखना शुरु कर दें, जिस नेता की गीत आजकल अखबारों के पत्रकार गा रहे होते हैं। जब ऐसा हो जाता है। तो वो इर्द-गिर्द घूमनेवाला कनफूंकवों ताल ठोकता है कि मैंने ऐसा माहौल बनाया। पत्रकारों को ऐसे कामों में लगवा दिया, जिससे वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी हिल गई, जबकि सच्चाई देखी जाये, तो इसमें उसका या अखबार का कोई रोल ही नहीं होता। लेकिन जनता को तो वहीं बताया जाता है जो अखबारों मे होता है।
चलिए। बधाई, उन कनफूंकवों, उन अखबारों/पत्रकारों/संपादकों को जो इन दिनों सुबोधकांत सहाय को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए अपना ज्यादा से ज्यादा समय व अखबारों के पृष्ठ उपलब्ध करा रहे हैं। जब वे ऐसा कर रहे हैं, तो निश्चय ही इसका फायदा भी इन अखबारों/पत्रकारों को अवश्य मिलेगा। वो किस रुप में मिलेगा, ये तो वक्त बतायेगा। जब वक्त बतायेगा तो हम आप तक वो खबर भी लाकर पटक देंगे। तब तक इतना जरुर मानकर चलिये कि रांची के बड़े-बड़े अखबारों ने सुबोधकांत सहाय के लिये गलीचे तैयार करने शुरु कर दिये हैं।