रांची रेल मंडल प्रबंधक के खिलाफ रेलवे ठेकेदार संघ के मुनचुन राय ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, दो सालों के कार्यकाल की जांच की मांग
रांची रेलवे ठेकेदार संघ के मुख्य संरक्षक मुनचुन राय ने रांची रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक प्रदीप गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने दो साल के कार्यकाल में टेंडरों की धांधली से करोड़ों रुपए अर्जित किये हैं, इसलिए इनके दो सालों के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच कराई जाये। मुनचुन राय का कहना है कि गत् 14 जुलाई को 28 करोड़ का टेंडर हुआ।
जिसमें पांच एजेंसियों ने टेंडर में भाग लिया। जिसे सिर्फ चार दिनों के अंदर ही उन चारों एजेंसियों के टेंडर को अमान्य करार कर दिया गया एवं काफी ऊँचे दर पर इस टेंडर को देने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई जबकि इससे पूर्व किसी भी टेंडर को फाइनल करने में 40 से 50 दिन लगता है। मुनचुन राय का कहना है कि चूंकि इस मामले में इतनी जल्दबाज़ी इसलिए की गयी, क्योंकि उनका स्थानांतरण अन्यत्र हो गया है।
उन्होंने इस एवज में करोड़ों रुपये घूस के तौर पर लिया है। मुनचुन राय का कहना है कि वे दावे के साथ और पूरी ज़िम्मेदारी के साथ कह रहे हैं कि अगर सभी एजेंसी का दर खोला जाएगा तो रेलवे को करोड़ों की बचत होगी, जिन एजेंसी को अमान्य किया गया है उन एजेंसियों ने इससे पूर्व इसी प्रकार के कार्यों में पांच करोड़ से कम का दर कोट किया है।
उन्होंने कहा कि रांची रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक के इस भ्रष्टाचार और धांधली के ख़िलाफ़ सोमवार को एक बैठक बुलाई गई है। जिसमें दक्षिण पूर्व रेलवे के सभी ठेकेदार शामिल होंगे। जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जायेगा। साथ ही जांच के लिये सीबीआई, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एवं केंद्रीय सतर्कता विभाग को आवेदन भी दिया जाएगा।