सुप्रियो का बयान डुमरी में भाजपा के तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कसरत करने के बावजूद भी लोग उन्हें कर रहे हैं रिजेक्ट, जन-प्रतिरोध इतना कि जगह छोड़कर भाग रहे
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डुमरी विधानसभा के उपचुनाव में इस बार धनतंत्र के खिलाफ जनतंत्र की जीत होगी, उन्होंने अपने विरोधियों के आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोकतंत्र में पैसे, प्रलोभन, छलावा से चुनाव नहीं जीता जाता, बल्कि जनता के आशीर्वाद से चुनाव जीता जाता है। उन्हें खुशी है कि डुमरी की जनता का आशीर्वाद स्व. जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी के साथ है।
उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी डर क्यों जाते हैं? डर जाने के कारण वे अनर्गल बातें करने लगते हैं। वे इन दिनों दो व्यक्ति का नाम लेते हुए कहते हैं कि इनका अपहरण कर लिया गया है। वे इस संदर्भ में डीजीपी से बातचीत की हैं, यह भी कहते हैं। पर किस थाने में इस अपहरण की सूचना दी गई, ये बता नहीं पाते। जिनकी बातें की जा रही हैं, उसको सत्यापित भी नहीं कर पाते। मतलब अजीब विडम्बना है।
उन्होंने कहा कि डुमरी विधानसभा उपचुनाव में उनके तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कसरत करने के बावजूद भी लोग उन्हें रिजेक्ट कर रहे हैं। जन-प्रतिरोध इतना है कि जगह छोड़कर भाग जा रहे हैं। ये लोग केवल कागजों पर कहकर लोगों के बीच भ्रम फैला रहे हैं। पैसे देकर उम्मीदवार खड़े करनेवाले, पैसे देकर प्रचार करनेवाले, लोगों के बीच में जातीय व सांप्रदायिकता का विद्वेष फैलानेवाले, ओबीसी के आरक्षण को घटानेवाले, झारखण्ड की अस्मिता को प्रभावित करनेवाले, इन दिनों मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं।
सुप्रियो ने कहा कि वे चाहते थे कि विपक्ष चटक हो, पर दुर्भाग्य है कि यहां विपक्ष भयभीत है, डरा-सहमा हुआ है, इनका किसी चीज पर विश्वास ही नहीं है। इन दिनों वन नेशन-वन इलेक्शन की बातें कर रहे हैं। 2019 में उन्होंने देखा कि ओड़िशा में लोकसभा और विधानसभा दोनों जगहों पर बीजू जनता दल ने बाजी मार ली, आंध्रप्रदेश में दोनों जगहों पर रेड्डी की पार्टी बाजी मारकर इनका सुपड़ा साफ कर इनकी हवा ही निकाल दी।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम में भी इस बार ये साफ होने जा रहे हैं। तब इनका पैतरा बदल गया। दरअसल ये वन नेशन-वन इलेक्शन के नाम पर बाबा साहेब के संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं। ये देश के संविधान को ही बदल देना चाहते हैं। संवैधानिक प्रावधानों को समाप्त कर देना चाहते हैं। चुनावी हार इनको डरा रही है। अनर्गल बातें करना, अनर्गल प्रलाप करना इनकी फितरत में हैं। सुप्रियो ने कहा कि अभी भी समय हैं, ये अपने में बदलाव लाये, अपने आचार-व्यवहार में बदलाव लाये। भारत के फेडरल स्ट्रक्चर को तोड़ने से बाज आयें।
सुप्रियो ने कहा कि पांच सितम्बर को डुमरी विधानसभा में मतदान होना है। संयोग से उस दिन शिक्षक दिवस भी है। शिक्षा के क्षेत्र में जगरनाथ महतो ने काफी काम किया था। उन्हीं की देखरेख में शिक्षा के क्षेत्र में मौलिक-प्रगतिशील कार्य किये जा रहे थे। आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि उनके कार्यों को देखते हुए, वहां की जनता बेबी देवी को विजयी बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी।