धनबाद में धूमधाम से मनेगा 1974 के छात्र आंदोलन का स्वर्ण जयंती वर्ष, विजय झा के आवास पर जूटे आंदोलनकारी, व्यवस्थागत खामियों को समाप्त करने पर दिया जायेगा जोर
स्वर्ण जयंती वर्ष मनाने के लिए आज बियाडा के पूर्व चैयरमेन विजय झा के धनबाद कतरास स्थित रानी बाजार आवास पर 1974 आंदोलन के आंदोलनकारियों का जुटान हुआ। इस जुटान में धनबाद जिले के सारे आंदोलनकारियों ने भाग लिया। आंदोलनकारियों ने उस वक्त के आंदोलन की याद में इस स्वर्ण जयंती वर्ष को धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया।
ज्ञातव्य है कि 1974 का छात्र आंदोलन केन्द्र व राज्य में बैठी कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बिहार के छात्रों ने प्रारम्भ किया था, जिसका बाद में नेतृत्व जय प्रकाश नारायण ने किया, जो देखते ही देखते पूरे देश में फैल गया, यह आंदोलन एक साल तक चलता रहा। स्थिति ऐसी हो गई कि इस आंदोलन को दबाने के लिए केन्द्र की सरकार ने आनन-फानन में पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया, जिससे यह आंदोलन और भड़क गया।
उस वक्त के कई छात्र पुलिस जुल्म के शिकार हुए। फिर भी ये आंदोलन रुकने का नाम नहीं लिया और इसी आंदोलन की प्रभाव था कि 1977 में जनता लहर के दौरान इंदिरा शासन का अंत हो गया। देश में पहली बार जनता पार्टी की सरकार बनी, मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। यह छात्र आंदोलन बिहार में 18 मार्च 1974 को प्रारम्भ हुआ था, जिसके 50 वर्ष आगामी 2024 में पूरे हो जायेंगे।
विजय झा ने विद्रोही24 को बताया कि इसी को लेकर उनके आवास पर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी ने एक स्वर से इसे यादगार बनाने का निर्णय लिया। विजय झा ने कहा कि इस बैठक में इस आयोजन के माध्यम से व्यवस्थागत खामियों को दूर करने के लिए सरकार तक बातें पहुंचाई जायेंगी।
आज की बैठक की अध्यक्षता भी विजय झा कर रहे थे। विजय झा के अनुसार लोकनायक जयप्रकाश की संपूर्ण क्रांति का लक्ष्य आज भी अधूरा है, जनप्रतिनिधि एक से अधिक पेंशन ले रहे हैं, जो समाप्त होना चाहिए। करोड़पति होने के बावजूद उनके सुरक्षा पर करोड़ों खर्च हो रहे हैं, जो बंद होना चाहिए। बैठक का सफल संचालन लाल वर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन अरविंद सिंहा ने किया।
बैठक में सुखलाल पसारी, शैलेंद्र सिंह, हरि प्रसाद अग्रवाल, कृष्ण बल्लभ सहाय, गौतम मंडल, श्यामा नन्दन लाल त्यागी, प्रमोद कुमार झा, राजेश सिंह, सरोज कुमार महतो, जय प्रकाश सिंह, वीरेंद्र ठाकुर, नीरज कुमार सिंहा, रामनाथ श्रीवास्तव, तुरसा वेसरा, दिनेश आजाद, उमेश ऋषि, राकेश बल्लभ सहाय, आनन्द कुमार सिन्हा आदि भी शामिल थे।